संपादकीय : आखिरकार सफाई कर्मचारियों के आगे झुके यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह, 10 दिन के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद दिया ग्रेटर नोएडा के बराबर दीपावली का बोनस

आशु भटनागर
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लोकतंत्र में कहा जाता है कि सत्ता लोकलाज के भय से चलती है । शासन और उसके अधिकारियों को आमजन के हित की योजनाओं पर शीघ्र काम करना चाहिए, किंतु सामान्यत: ऐसा होता नहीं है । अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई आईएस व्यवस्था आज भी कमोबेश उसी सामंतवादी मानसिकता में रहना पसंद करती है । वो आज भी स्वयं को आम लोगो से उपर रहकर उन पर शाशन करने की सामंतवादी मानसिकता से उठ नहीं पाई है i ऐसे ही एक प्रकरण में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने अंततः कई दिनों से दीपावली पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बराबर बोनस मांग रहे सफाई कर्मचारियों की मांग अंतत: स्वीकार कर ली ।

दरअसल बीते 10 दिनों से यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह दीपावली पर कर्मचारियों को बोनस देने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। वहीं ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरण के सीईओ एन जी रवि कुमार ने दीपावली पर अपने सभी 1800 कर्मचारियों को 14500 का बोनस दिया था। इसके बाद से ही यमुना प्राधिकरण के 700 सफाई कर्मी ग्रेटर नोएडा के समान बोनस के लिए अड गए । प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार सफाई कर्मियों द्वारा बीते 10 दिनों से इसको लेकर लगातार प्रार्थना की जा रही थी किंतु सीईओ मान नहीं रहे थे। बुधवार को जब बात नहीं बनी है तो सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए और इसके बाद कथित तोर अपने सख्त स्वभाव के लिए प्रसिद्ध सीईओ राकेश कुमार सिंह ने अंतत झुकते हुए सफाई कर्मचारियों से बातचीत के लिए विशेष कार्य अधिकारी (OSD) शैलेंद्र कुमार सिंह को बातचीत के लिए भेजा और उनकी मांगे मान ली।

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प्रश्न यह है कि आखिर यमुना प्राधिकरण के सीईओ को मात्र 700 सफाई कर्मचारियों को 14500 के बोनस को देने के लिए 10 दिन क्यों लगे जबकि प्राधिकरणों में इस बोनस से ज्यादा सीईओ के कक्ष में आने वाले विशिष्ट आगंतुकों की चाय और बिस्किट का बिल हो जाता है । तो हमेशा बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए रेड कारपेट बिछा कर उनको बेहद कम मूल्य पर क्षेत्र के ही किसानों को की भूमि को दे देने वाले अधिकारी इसी क्षेत्र से आए सफाई कर्मियों को एक बोनस के लिए 10 दिन क्यों लटका देते है? ये प्रश्न तब बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है जब देश के प्रधानमंत्री स्वयं कई अवसरों पर सफाई कर्मियों के लिए विशेष सम्मान दिखा चुके है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार किसानो और मजदूरो के लिए समाधान को प्रथम वरीयता पर रखने को कहते हैं।

पूरे क्षेत्र में पहली बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन जी रवि कुमार ने सफाई कर्मचारियों के लिए बोनस को देखकर जो एक रास्ता दिखाया है उसे अगर सभी अधिकारी समान रूप से माने तो इस क्षेत्र में होने वाले तमाम आंदोलन समाप्त हो सकते हैं। इससे बड़ी बात ये भी है कि भूमि अधिकरण से लेकर अन्य प्रशासनिक पॉलिसी पर अगर तीनों प्राधिकरण में एक राय बनाई जा रही है तो फिर ग्रुप डी के इन कर्मचारियों के साथ ही ऐसी सोच और ऐसा अन्याय क्यों ओर कब तक होता रहेगा ? कब तक उन्हें अपने अधिकारों के लिए हड़तालो का ही सहारा लेना पड़ेगा।

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आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे