नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (TIA) पर शनिवार शाम को रनवे लाइटिंग सिस्टम में आई एक अप्रत्याशित तकनीकी खराबी के कारण सभी उड़ान संचालन को अस्थायी रूप से रोक दिया गया, जिससे देश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर व्यवधान उत्पन्न हो गया। यह घटना शाम लगभग 5:30 बजे (स्थानीय समय) हुई, जिसके परिणामस्वरूप आने-जाने वाली सभी उड़ानों में देरी हुई।
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने पुष्टि की कि रनवे एयरफील्ड लाइटिंग सिस्टम में समस्या उत्पन्न हुई है, जिसने तत्काल उड़ान गतिविधियों को बाधित कर दिया। हवाई अड्डे के प्रवक्ता, रेनजी शेरपा ने बताया, “रनवे की एयरफील्ड लाइटिंग सिस्टम में समस्या आई है। इस वजह से फिलहाल कम से कम पांच उड़ानें होल्ड पर हैं। सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवागमन में देरी हो रही है।” उन्होंने आगे कहा कि एक समर्पित तकनीकी टीम इस गड़बड़ी को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए काम कर रही है ताकि उड़ान सेवाओं को सामान्य किया जा सके।

त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नेपाल का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय प्रवेश द्वार होने के नाते, देश के पर्यटन और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह हवाई अड्डा प्रतिदिन सैकड़ों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन करता है। इस स्टैंडस्टिल ने न केवल यात्रियों को असुविधा पहुंचाई है, बल्कि नेपाल की हवाई कनेक्टिविटी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पांच उड़ानें फिलहाल होल्ड पर
प्रवक्ता शेरपा के अनुसार, इस तकनीकी समस्या के कारण कम से कम पांच उड़ानें वर्तमान में हवाई अड्डे पर या तो उड़ान भरने का इंतजार कर रही हैं या अपने गंतव्य की ओर रवाना होने की प्रतीक्षा कर रही हैं। यह स्थिति यात्रियों के लिए अनिश्चितता और वित्तीय लागत का कारण बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आगे की यात्राएँ या व्यावसायिक प्रतिबद्धताएँ इस देरी से प्रभावित हो सकती हैं।

नेपाल का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय गेटवे ठप
काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह नेपाल के लिए विदेशी दुनिया के साथ जुड़ने का प्राथमिक माध्यम है। यह हवाई अड्डा न केवल पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के आयात-निर्यात में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार, इसके संचालन में किसी भी प्रकार का व्यवधान राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर भी आई थी समस्या
यह घटना भारत के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) पर हाल ही में हुई एक घटना की याद दिलाती है, जहाँ शुक्रवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम में आई तकनीकी खराबी के कारण 100 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई थीं। उस दौरान, इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी प्रमुख एयरलाइनों ने घोषणा की थी कि दिल्ली हवाई अड्डे पर एटीसी सिस्टम में तकनीकी खराबी के चलते उनकी उड़ानें देरी से चल रही हैं। दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर डायल ने भी पुष्टि की थी कि तकनीकी समस्या के कारण उड़ानें विलंबित थीं। इस तरह की घटनाएं वैश्विक विमानन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के महत्व और उनकी विश्वसनीयता बनाए रखने की चुनौती को रेखांकित करती हैं।
TIA अधिकारी समस्या के समाधान के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द से जल्द उड़ान सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। इस बीच, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी एयरलाइनों से संपर्क बनाए रखें और नवीनतम जानकारी के लिए हवाई अड्डे के आधिकारिक संचार माध्यमों पर नजर रखें। इस घटना ने एक बार फिर आधुनिक हवाई अड्डों के संचालन में तकनीकी प्रणालियों की नाजुकता और उनके महत्व को उजागर किया है।


