सीपीआई(एम) की राष्ट्रीय नेत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद कामरेड वृंदा करात ने आज सूरजपुर जिला कोर्ट परिसर में अखलाक मामले से जुड़े वकील मोहम्मद यूसुफ से मुलाकात की। यह मुलाकात उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अखलाक मामले को वापस लेने के कथित निर्णय पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के उद्देश्य से की गई थी।
कोर्ट परिसर में वृंदा करात का अभिनंदन करने वालों में ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के नेता गजेंद्र खारी, किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष परर्मेंद्र भाटी और बार एसोसिएशन के सचिव अजीत नागर प्रमुख रूप से शामिल रहे।

करीब दो घंटे तक कोर्ट परिसर में रहीं माकपा नेता करात ने अखलाक के वकील मोहम्मद यूसुफ से सरकार द्वारा मामले को वापस लेने के संबंध में गहन बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर न्यायिक मामलों को देखे जाने को सांप्रदायिकता की पराकाष्ठा है।
करात ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार जानबूझकर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और हत्या जैसे गंभीर मामलों में पीड़ितों को न्याय से वंचित कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह सरकार संविधान के अंतर्गत धर्मनिरपेक्ष राज्य की अवधारणा को ही नष्ट कर रही है।

माकपा नेता ने इस स्थिति को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि यह संभवतः पूरे देश में पहला ऐसा मामला है, जिसमें पर्याप्त सबूत और मामले की अत्यंत गंभीरता के बावजूद इसे वापस लेने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह निर्णय भारत के संविधान और न्याय की अवधारणा के विपरीत है।
इस अवसर पर सीटू के जिला सचिव गंगेश्वर दत्त शर्मा, सीपीएम दिल्ली राज्य सचिव मंडल सदस्य कामरेड बृजेश सिंह, सीपीएम के जिला सचिव कामरेड रामसागर, तथा एडवोकेट देव्पल अवाना, एडवोकेट विनोद भाटी, एडवोकेट नीतीश नगर, एडवोकेट सीमा सागर, एडवोकेट अरुण और एडवोकेट संजीव वर्मा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


