गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में इन दिनों दूषित पानी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है, जिससे स्थानीय लोग खारा और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। इस समस्या की मुख्य जड़ सीवर और पेयजल लाइनों का एक साथ होना बताया जा रहा है, जिसके कारण सीवर का गंदा पानी पीने के पानी में मिल रहा है। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम से सीवर लाइनों का गहन सर्वेक्षण कराने की मांग की है।
दूषित पानी से बढ़ी परेशानी
राजेंद्र नगर, कड़कड़ मॉडल जैसे क्षेत्रों से लगातार दूषित पानी आने की शिकायतें मिल रही हैं। लोगों का कहना है कि नल से आने वाला पानी न केवल गंदा होता है, बल्कि उसमें बदबू भी आती है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। विशेषकर सुबह के समय यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती है, जब घरों में सबसे अधिक पानी का इस्तेमाल होता है। निवासियों को या तो महंगे वॉटर फिल्टर का सहारा लेना पड़ रहा है, या फिर बोतल बंद पानी खरीदने को मजबूर हैं, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।

सीवर लाइनें बनी मुख्य वजह
स्थानीय लोगों के अनुसार, दशकों पुरानी सीवर लाइनें और पेयजल लाइनें अक्सर एक-दूसरे के समानांतर या बहुत करीब से गुजरती हैं। कई स्थानों पर लीकेज होने के कारण सीवर का गंदा पानी पीने के पानी में मिल जाता है, जिससे यह दूषित हो जाता है। जब पेयजल लाइनों में पानी का दबाव कम होता है, तो सीवर का पानी पेयजल लाइनों में वापस चला जाता है, जिससे घरों तक गंदा पानी पहुंचता है। यह स्थिति स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।
निगम से सर्वे और समाधान की मांग
निवासियों ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत नगर निगम और जलकल विभाग से की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। दूषित पानी के सेवन से पेट संबंधी बीमारियां, पीलिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा लगातार बना हुआ है। उन्होंने मांग की है कि नगर निगम तुरंत एक विस्तृत सर्वे कराकर सभी लीकेज की पहचान करे और पुरानी सीवर लाइनों को पेयजल लाइनों से अलग करे या उनकी मरम्मत कराए। उनका कहना है कि यह केवल मरम्मत का नहीं, बल्कि एक स्थायी समाधान का मामला है।

जलकल विभाग ने दिया जांच का आश्वासन
इस संबंध में, जलकल विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें कुछ इलाकों से शिकायतें मिली हैं और वे जल्द ही एक जांच टीम गठित कर समस्याग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि समस्या के मूल कारण का पता लगाकर उचित कार्रवाई की जाएगी ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। देखना होगा कि यह आश्वासन कब तक धरातल पर उतरता है और साहिबाबाद के लोग इस गंभीर समस्या से कब मुक्ति पाते हैं।


