2 नवंबर, 2025 का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया है। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से करारी शिकस्त देकर इतिहास रच दिया। यह पहली बार है जब भारतीय महिला टीम ने वनडे विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है, जिसने लगभग 52 साल के लंबे इंतजार को खत्म कर दिया।
भारतीय टीम ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ वह उपलब्धि हासिल कर ली, जिसका भारतीय महिला क्रिकेट को बरसों से इंतजार था। इस जीत ने न केवल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को जश्न मनाने का मौका दिया, बल्कि देश में महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए एक नई उम्मीद भी जगा दी है।

52 साल में पहली बार विश्व विजेता बनी टीम इंडिया
भारतीय महिला टीम ने खिताबी मुकाबले में हर विभाग में शानदार प्रदर्शन किया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 298 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में, दक्षिण अफ्रीका की टीम 47.1 ओवर में 246 रन बनाकर ढेर हो गई।
महिला वनडे विश्व कप की शुरुआत 1973 में हुई थी और 52 साल के इस लंबे इतिहास में यह भारत का पहला खिताब है। इससे पहले भारतीय टीम दो बार फाइनल (2005 और 2017) में पहुंची थी, लेकिन खिताब जीतने से चूक गई थी। लेकिन इस बार हरमनप्रीत की सेना ने कोई गलती नहीं की और फाइनल मुकाबला एकतरफा कर दिया।

शेफाली और दीप्ति की धमाकेदार परफॉर्मेंस
भारत की इस ऐतिहासिक जीत के मुख्य सूत्रधार युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा और अनुभवी स्पिनर दीप्ति शर्मा रहीं।
भारत को बड़ा स्कोर देने की नींव शेफाली वर्मा ने रखी। उन्होंने दबाव भरे फाइनल मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 87 रनों की बेहतरीन पारी खेली और टीम को मजबूत शुरुआत दी। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने मिडल ऑर्डर के लिए मंच तैयार कर दिया।
298 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए, दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदें तब तक कायम रहीं जब तक उनकी कप्तान एल वोल्वार्ट क्रीज पर थीं। वोल्वार्ट ने अकेले दम पर लड़ाई लड़ते हुए शानदार शतक (101 रन) जड़ा, लेकिन उनकी यह पारी टीम को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं थी।
मैच का असली टर्निंग पॉइंट तब आया जब भारतीय स्पिनर दीप्ति शर्मा ने गेंद संभाली। दीप्ति ने अपनी सटीक और दबाव बनाने वाली गेंदबाजी से दक्षिण अफ्रीकी मिडल ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने अपने 10 ओवरों में मात्र 32 रन देकर अविश्वसनीय 5 विकेट झटके। दीप्ति का यह स्पेल महिला विश्व कप फाइनल के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है।
बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कमाल दिखाने के लिए, शेफाली वर्मा को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। उन्होंने 87 रन बनाने के अलावा महत्वपूर्ण दो विकेट भी झटके, जिससे टीम इंडिया की जीत सुनिश्चित हुई।
भावुक हुईं कप्तान हरमनप्रीत कौर
खिताबी जीत की खुशी भारतीय खेमे में साफ नजर आ रही थी। टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, जिन्होंने खिताबी जीत का सपना बरसों से संजोया था, अंतिम विकेट गिरते ही खुद को भावुक होने से रोक नहीं सकीं। उनके चेहरे पर जीत की खुशी, राहत और बरसों की मेहनत की संतुष्टि साफ झलक रही थी।
जीत के बाद, हरमनप्रीत ने अपनी अनुभवी साथी और स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना को गले लगा लिया। यह पल भावनाओं से भरा हुआ था, जिसने भारतीय महिला क्रिकेट की दशकों की यात्रा को दर्शाया। बाद में, पूरी टीम ने जमकर भांगड़ा किया और इस ऐतिहासिक पल का जश्न मनाया।
प्रशंसकों का आभार
ऐतिहासिक जीत के बाद, भारतीय खिलाड़ियों ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में मौजूद हजारों प्रशंसकों के सामने ट्रॉफी के साथ मैदान का चक्कर लगाया। टीम ने लगातार समर्थन देने के लिए अपने प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया।
यह जीत न केवल भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह देश की युवा लड़कियों को क्रिकेट को एक स्थायी करियर के रूप में चुनने के लिए प्रेरित करने वाली एक शक्तिशाली कहानी भी है। 52 साल का सूखा खत्म हो गया है, और भारतीय महिला क्रिकेट आखिरकार विश्व विजेता बन गई है।


