रियल एस्टेट सेक्टर की बड़ी कंपनी जेपी ग्रुप (JP Group) से जुड़ी एक बेहद अहम खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Ltd) के प्रबंध निदेशक (MD) मनोज गौड़ (Manoj Gaur) को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने मनोज गौड़ पर 12,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और घर खरीदारों के पैसे के हेरफेर का गंभीर आरोप लगाया है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। ईडी का आरोप है कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) ने मनोज गौड़ के माध्यम से घर खरीदारों के साथ 12,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और उनके पैसे का दुरुपयोग किया। यह राशि उन हजारों घर खरीदारों की है, जिन्होंने जेपी ग्रुप की विभिन्न परियोजनाओं में अपने घर का सपना पूरा करने के लिए निवेश किया था।

जेपी ग्रुप लंबे समय से वित्तीय संकट और दिवालियापन की कार्यवाही का सामना कर रहा है। उसकी कई परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं, जिससे हजारों घर खरीदार सालों से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं। मनोज गौड़ की गिरफ्तारी से कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस गिरफ्तारी के बाद ईडी मनोज गौड़ को अदालत में पेश कर रिमांड की मांग कर सकती है ताकि मामले में और गहराई से जांच की जा सके और पैसे के लेनदेन की कड़ी का पता लगाया जा सके।
यह गिरफ्तारी उन हजारों घर खरीदारों के लिए भी एक बड़ी खबर है, जो अपने निवेश और अपने घर के इंतजार में वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। ईडी अब मनोज गौड़ से इस मामले में और पूछताछ करेगी और इस बड़े घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच भी करेगी। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से मामले में और खुलासे होंगे और घर खरीदारों को न्याय मिलने की उम्मीद जागेगी।



