ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में किसान संघर्ष मोर्चा ने किसानों के अधिकारों विशेष रूप से 10% विकसित प्लॉट के मुद्दे को उठाया। प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरेन प्रधान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग चार लाख किसान 10% विकसित प्लॉट के अधिकार से वंचित हैं। उन्होंने बताया कि इसमें लगभग 1.5 लाख किसान ग्रेटर नोएडा, नोएडा में 1.5 लाख और यमुना प्राधिकरण में लगभग 1 लाख किसान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 में तीनों प्राधिकरणों — नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी ने अपने बोर्ड बैठकों में इस प्रस्ताव को पारित कर शासन को अनुमोदन के लिए भेजा था, लेकिन शासन द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने अधिग्रहित आबादियों की लीज़बैक वापसी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि किसानों के निरंतर आंदोलनों के चलते हाई पावर कमेटी ने अधिग्रहित आबादियों को लीज़बैक पर वापस करने की सिफारिश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक आश्वासन दिया था, लेकिन नोएडा में 3800, ग्रेटर नोएडा में 854 और यमुना प्राधिकरण में सैकड़ों मामले अभी भी लंबित हैं।

किसान सभा गौतम बुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि सर्किल रेट का पुनरीक्षण 2014 से नहीं हुआ है और किसान अपनी जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य ₹20,000 प्रति वर्गमीटर होने के बावजूद केवल ₹4,125 प्रति वर्गमीटर पर अधिग्रहित करने के प्रयास का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसमें उचित मुआवजा और रोजगार जैसे अधिकार शामिल हैं।
किसान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष कुंवरपाल प्रधान ने प्रशासनिक उत्पीड़न और फर्जी मुकदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन किसानों को झूठे आश्वासनों के सहारे गुमराह करने और उनके शांतिपूर्ण आंदोलनों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रेस वार्ता के अंत में किसान संघर्ष मोर्चा ने 25 नवंबर को कलेक्ट्रेट सूरजपुर पर एक विशाल महापंचायत के आयोजन का आह्वान किया। इस महापंचायत का उद्देश्य किसानों के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना है। इस अवसर पर जयप्रकाश आर्य, देवपाल अवाना (एडवोकेट), पवन (एडवोकेट), प्रेमपाल चौहान और सोनू समानिया समेत कई अन्य किसान नेता भी उपस्थित थे।


