मायावती की नोएडा रैली के क्या है राजनीतिक निहितार्थ : 2027 के मिशन की शुरुआत खोए वर्चस्व की तलाश और राजनीतिक पुनरुत्थान की दस्तक!

आशु भटनागर
8 Min Read

 जैसे-जैसे साल 2027 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा और पंचायत चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज होने लगी है। इस गहमागहमी के बीच, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, मायावती, 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नोएडा में एक विशाल रैली का आयोजन करने जा रही हैं। यह रैली सिर्फ एक चुनावी सभा नहीं, बल्कि बसपा के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति प्रदर्शन, राजनीतिक पुनरुत्थान की रणनीति का अहम हिस्सा और विरोधियों को कड़ा संदेश देने का मंच साबित हो सकती है।

हाल ही में लखनऊ में आयोजित महारैली की अभूतपूर्व सफलता और बिहार विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतने के बाद बसपा कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। इस पृष्ठभूमि में, मायावती लगभग 14 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अपने गृह जनपद गौतमबुद्ध नगर में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी। यह रैली बसपा के संगठनात्मक कौशल का प्रमाण होने के साथ-साथ, मायावती के राजनीतिक कमबैक की तैयारियों का भी स्पष्ट संकेत दे रही है। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने खोए हुए वोट बैंक को फिर से साधने की मंशा साफ दिख रही है।

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लखनऊ रैली के बाद बढ़ा कार्यकर्ताओं का जोश, आक्रामक वापसी की तैयारी

9 अक्टूबर को लखनऊ में कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित बसपा की रैली ने उम्मीदों से बढ़कर भीड़ जुटाई थी, जिसने पार्टी के खेमे में नई ऊर्जा का संचार किया है। लगातार गिरते जनाधार और पार्टी की प्रासंगिकता पर उठ रहे सवालों के बीच, इस रैली के माध्यम से मायावती ने एक स्पष्ट संदेश दिया था कि बसपा का कैडर अभी भी जीवंत, सक्रिय और संगठित है। इस सफलता से प्रेरित होकर, बसपा ने बिहार में अकेले दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और एक सीट जीतकर यह जताने की कोशिश की कि पार्टी अपने पुराने आक्रामक तेवरों में वापसी कर रही है। यह जीत, भले ही छोटी क्यों न हो, पार्टी के लिए एक मनोवैज्ञानिक बूस्टर का काम कर रही है और कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों के लिए प्रेरित कर रही है।

नोएडा रैली के गहरे राजनीतिक मायने: 2027 के मिशन की शुरुआत

नोएडा में होने वाली यह रैली बसपा के लिए महज एक साधारण कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है। इसे 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जा रहा है। पार्टी के रणनीतिकार इस रैली के माध्यम से कई प्रमुख लक्ष्यों को साधने का प्रयास करेंगे:

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  • दलित वोट बैंक को मजबूती देना: बसपा का पारंपरिक वोट बैंक दलित समुदाय रहा है। हाल के वर्षों में इस वोट बैंक में आई दरार को पाटने और उन्हें फिर से पार्टी के पाले में लाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्वयं को दलितों का एकमात्र सच्चा प्रतिनिधि साबित करने की कवायद तेज होगी।
  • मुस्लिम समुदाय का भरोसा जीतना: पिछले चुनावों में मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक में बिखराव देखा गया था। मायावती इस रैली के जरिए मुस्लिम समुदाय में पैठ बनाने और उनका विश्वास फिर से जीतने का प्रयास करेंगी, जिससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूती मिल सके।
  • अन्य पिछड़ी जातियों (EBC) को जोड़ना: केवल दलित और मुस्लिम वोटरों पर निर्भर रहने की बजाय, बसपा अब अति पिछड़ी श्रेणियों (EBC) को भी अपने पाले में लाने की रणनीति पर काम कर रही है। इस रैली के माध्यम से इन समुदायों को प्रतिनिधित्व और लाभ का आश्वासन दिया जा सकता है।
  • बूथ स्तर पर संगठन को पुनर्गठित करना: किसी भी पार्टी की चुनावी सफलता के लिए बूथ स्तर पर मजबूत संगठन अत्यंत आवश्यक है। नोएडा रैली के आयोजन के साथ-साथ, पार्टी जमीनी स्तर पर अपने संगठन को पुनर्जीवित करने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर ज़ोर दे रही है।

इस रैली की तैयारी बड़े पैमाने पर चल रही है। जिलों और मंडल समन्वयकों को अधिकतम भीड़ जुटाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। पार्टी देशभर से वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी इस शक्ति प्रदर्शन में शामिल करने की योजना बना रही है, ताकि एक व्यापक उपस्थिति दर्ज कराई जा सके।

विरोधियों को स्पष्ट संदेश, कैडर को नवजीवन

हाल के वर्षों में दलित और मुस्लिम वोटरों के पार्टी से खिसकने के साथ-साथ, विपक्ष द्वारा बसपा पर ‘बीजेपी से नजदीकी’ जैसे आरोप भी लगाए गए हैं। नोएडा रैली के माध्यम से मायावती इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए दोहरा संदेश देना चाहती हैं। एक तरफ, वह यह साबित करना चाहती हैं कि बसपा आज भी चुनावी मैदान में एक मजबूत खिलाड़ी है और किसी अन्य पार्टी के इशारे पर काम नहीं कर रही। दूसरी ओर, वह अपने कैडर को यह विश्वास दिलाना चाहती हैं कि पार्टी में अभी भी जान बाकी है और वह अपना खोया हुआ रुतबा हासिल कर सकती है। लखनऊ रैली की सफलता के बाद, इस नोएडा रैली को पार्टी “शक्ति प्रदर्शन 2.0” के रूप में देख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती इसी मंच से 2027 के मिशन का बिगुल फूँकेंगी और अपनी राजनीतिक रणनीति को और तेज करेंगी।

2027 के रण के लिए खोया वर्चस्व हासिल करने की कवायद

बसपा सुप्रीमो मायावती स्पष्ट रूप से 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के खोए हुए वर्चस्व को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही हैं। इसी उद्देश्य से, वह लगातार अपनी पार्टी की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए रैलियों और कार्यक्रमों का आयोजन कर रही हैं। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वह अपने उस जनाधार को फिर से हासिल करे जो पिछले कुछ वर्षों में खिसका है।

2024 के लोकसभा चुनावों में बसपा का मत प्रतिशत निराशाजनक रूप से दहाई के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया था, और पार्टी का कोई भी उम्मीदवार लोकसभा में अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हुआ था। इसके विपरीत, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नगीना सीट से जीत हासिल कर लोकसभा का सफर तय किया, जिसने बसपा के दलित वोट बैंक में सेंध लगने की ओर इशारा किया।

यही कारण है कि नोएडा में आयोजित होने वाली यह विशाल रैली मायावती के लिए एक निर्णायक क्षण साबित हो सकती है। यह न केवल पार्टी की संगठनात्मक क्षमता और कैडर की निष्ठा का परीक्षण होगी, बल्कि यह भी तय करेगी कि 2027 के चुनावी महासमर में बसपा की क्या भूमिका रहने वाली है। क्या मायावती एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान बना पाएंगी, या यह रैली सिर्फ एक और चुनावी कवायद बनकर रह जाएगी, यह समय ही बताएगा। फिलहाल, नोएडा की धरती पर होने वाला यह शक्ति प्रदर्शन पूरे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, और यह निश्चित रूप से 2027 के चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत दे रहा है।

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आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे