ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 141वीं बोर्ड बैठक ने शहर के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना, शहर के मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर का दीर्घकालिक रखरखाव सुनिश्चित करना और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देना शामिल है। शनिवार को हुई इस बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिससे ग्रेटर नोएडा के सर्वांगीण विकास की राह प्रशस्त होगी।
टूल रूम से खुलेगी युवाओं के रोजगार की राह
बोर्ड बैठक का एक प्रमुख निर्णय भारत सरकार की योजना के तहत ग्रेटर नोएडा और आसपास के युवाओं को तकनीकी रूप से कुशल बनाने के लिए निर्माणाधीन टूल रूम के निर्माण को जल्द पूरा करने से संबंधित है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इस टूल रूम के कंपलीशन के लिए टाइम एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इससे उम्मीद है कि टूल रूम का निर्माण कार्य शीघ्र ही पूरा होगा और युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जल्द शुरू हो सकेंगे।

यह टूल रूम भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) की पहल है, जिसके लिए प्राधिकरण ने सेक्टर ईकोटेक 8 में 15 एकड़ जमीन आवंटित की है। इस अत्याधुनिक केंद्र में 8 से 10 हजार स्थानीय युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य इन युवाओं को स्थानीय उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करना है, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर और आसान अवसर मिल सकें। यह कदम न सिर्फ स्थानीय प्रतिभा को निखारेगा बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति प्रदान करेगा।
कॉरपस फंड से ग्रेनो के इंफ्रा का स्थायी रखरखाव
ग्रेटर नोएडा की पहचान उसके मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और हरी-भरी हरियाली से होती है। इस विशिष्ट पहचान को बनाए रखने और भविष्य में भी शहर के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार की पहल पर एक कॉरपस फंड बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बोर्ड ने अपनी सहमति दे दी है।

यह कॉरपस फंड ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यदि भविष्य में प्राधिकरण की आमदनी में किसी कारणवश कमी आती है, तब भी शहर के मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, सीवर, नाली, विद्युत आपूर्ति और उद्यानों का रखरखाव निर्बाध रूप से जारी रहेगा। यह फंड किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा। इस फंड में लीज रेंट, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, रेस्टोरेशन चार्जेस और टाइम एक्सटेंशन चार्ज आदि से प्राप्त होने वाली धनराशि को जमा किया जाएगा। इस फंड का उपयोग बोर्ड के अनुमोदन और सीईओ की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा, जो इसकी पारदर्शिता और उपयुक्त उपयोगिता सुनिश्चित करेगा।
सामाजिक कार्यों के लिए सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग शुल्क में छूट
सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में भी बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने प्राधिकरण द्वारा निर्मित सामुदायिक केंद्रों में सामाजिक कार्यों के लिए बुकिंग धनराशि में छूट देने की मांग को मान लिया है। इसका अर्थ है कि सामूहिक विवाह समारोहों, स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन जैसे सार्वजनिक हित के कार्यों के लिए इन सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग पर शुल्क में रियायत दी जा सकेगी। यह कदम समुदाय आधारित पहलों को प्रोत्साहित करेगा और सामाजिक सेवाओं को अधिक सुलभ बनाएगा।
चेयरमैन के निर्देश: छात्रावास और सेफ सिटी की परिकल्पना
बोर्ड बैठक के चेयरमैन दीपक कुमार ने ग्रेटर नोएडा और नोएडा के लिए एक व्यापक विकास दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए कई निर्देश भी दिए। उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा आने वाले छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा विकसित करने पर जोर दिया। इन छात्रावासों में छात्रों को शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं, जैसे लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हॉल और कंप्यूटर लैब उपलब्ध कराने को कहा गया है।
इसके अतिरिक्त, चेयरमैन ने कामकाजी महिलाओं के लिए भी वुमेंस हॉस्टल बनाने का निर्देश दिया, जिससे उन्हें सुरक्षित और आरामदायक आवास मिल सके। उन्होंने नोएडा-ग्रेटर नोएडा को एक ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने पर भी बल दिया, जिसका उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है।
ये सभी निर्णय ग्रेटर नोएडा को एक आधुनिक, आत्मनिर्भर और समावेशी शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे, जो न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे बल्कि सामाजिक कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार लाएंगे।


