उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गाजियाबाद के नेहरू नगर में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में मेरठ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति और समक्ष चुनौतियों पर चर्चा की।
सीएम योगी ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि विकास कार्यों में गति लाएं और जहां भी किसी काम में बाधा आ रही है, उससे अवगत कराएं, ताकि समस्याओं का समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा, “हम सबकी प्राथमिकता है कि राज्य में विकास की योजनाएं गति पाएं और जनता को उनका लाभ मिले।”
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से एसआईआर (सामुदायिक सूचना प्रणाली) कार्य का समीक्षा किया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे फर्जी मतदाताओं को हटाने के लिए कदम उठाएं और सुनिश्चित करें कि सभी चुनावी प्रक्रियाएं पारदर्शी और प्रभावशाली हों। “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने पंचायत और वार्ड के लोगों की सही जानकारी रखें, जिससे चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की धांधली न हो,” उन्होंने कहा।
सीएम आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों से यह भी कहा कि शादी के कार्यक्रमों में कम भाग लेकर अधिकतर लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याएं सुनें। यह सुझाव उन्होंने इस विचार के साथ दिया कि अगर जनप्रतिनिधि सीधे जनता के बीच रहेंगे, तो उन्हें समस्याओं का सटीक और त्वरित समाधान खोजने में सहायता मिलेगी।
बैठक के दौरान कुछ विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर कार्य के प्रति असंतोष भी प्रकट हुआ। मुख्यमंत्री ने इस पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई और सुधार के लिए जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा, “यदि एसआईआर प्रक्रिया में कोई कमी है, तो उसे तुरंत ठीक करना होगा। हम सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि प्रगति की दिशा में सकारात्मक बदलाव ला सकें।”

गाजियाबाद में इस बैठक का आयोजन किया जाना विकास कार्यों की गति को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री की प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के इस निर्देश से स्थानीय जनप्रतिनिधियों में उत्साह देखने को मिला है, जिन्होंने इसे एक अवसर माना है कि वे जनता की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकें।
सीएम योगी ने बैठक के अंत में यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सभी स्तरों पर विकास कार्यों को प्राथमिकता देगी और किसी भी क्षेत्र में काम में रुकावट आ रही है, तो उसे हल करने के लिए वे हमेशा तैयार रहेंगे।



