गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने शहर में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। प्राधिकरण ने अब तक 300 से अधिक ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित किया है जो अवैध रूप से प्लाटिंग कर रहे थे। इन अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जिससे प्रशासन की मंशा साफ दिख रही है कि अब ऐसे निर्माणों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चार साल पहले भी एक व्यापक सर्वे कर शहर की कई कॉलोनियों को अवैध घोषित किया गया था। इन कॉलोनियों में दुर्गा एंक्लेव, कैलाश पुरम-एक व दो, अक्षय एंक्लेव, कृष्ण एंक्लेव, रतन एंक्लेव, बालाजी एंक्लेव, कृष्णा गार्डन, राधा गार्डन, गोविंद विहार, गणेश वाटिका, सुधा सरोवर, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी, राधे एंक्लेव, न्यू शताब्दीपुरम, केशव कुंज, गंगापुरम, विष्णु एंक्लेव, पांडव नगर, शिवपुरी, शंकरपुरी, पंचवटी एक्सटेंशन, न्यू कोटगांव, महेंद्र एंक्लेव, राहुल विहार, रोजी कॉलोनी, माता कॉलोनी, चौधरी चरण सिंह कॉलोनी, श्याम विहार, किशन विहार, सेन विहार, शांति विहार, ओम विहार, सुदामापुरी, भीम नगर, बुद्ध विहार, नसबंदी कॉलोनी, राहुल विहार, बागू कॉलोनी, शहीद प्यारेलाल कॉलोनी, इंद्रा कॉलोनी, ओम नगर, सत्यम व गिरधर एंक्लेव सहित अन्य कई नाम शामिल थे।

अब इन कॉलोनियों को लेकर फिर से अभियान चलाया जाएगा। प्राधिकरण का दावा है कि अवैध रूप से बस चुकी कॉलोनियों का दोबारा से सर्वे किया जाएगा और उन्हें एक पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ऐसे अवैध निर्माणों से बचाना है, जहाँ वे पैसा लगाकर ठगे जा सकते हैं।
जीडीए सचिव ने आगे कहा कि इस नई सूची में उन कॉलोनियों को भी शामिल किया जाएगा जो पहले अवैध घोषित नहीं की गई थीं, लेकिन अब उन पर अवैध निर्माण या प्लाटिंग हो रही है। कई ऐसी कॉलोनियां जिनके अवैध निर्माण को प्राधिकरण पहले ही हटा चुका है, उन्हें भी इस सूची में अपडेट किया जाएगा।

जनता को सलाह दी गई है कि वे किसी भी संपत्ति की खरीद से पहले उसकी जांच अवश्य कर लें। संपत्ति के भू-उपयोग, उसकी स्वीकृत यूनिट और मौके पर जाकर उसकी वास्तविकता की पड़ताल करना बेहद जरूरी है, ताकि वे किसी भी प्रकार के धोखे से बच सकें। जीडीए की इस कार्रवाई से अवैध निर्माणों पर अंकुश लगने की उम्मीद है और आम जनता को भी राहत मिलेगी।



