राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के प्रवेश द्वार के रूप में अपनी रणनीतिक स्थिति के लिए पहचाना जाने वाला गाजियाबाद, आने वाले समय में एक अभूतपूर्व शहरी बदलाव का साक्षी बनने के लिए तैयार है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के उपाध्यक्ष, नंद किशोर कलाल ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में यह घोषणा की, जिसमें उन्होंने प्राधिकरण के प्रमुख फोकस क्षेत्रों और शहर के भविष्य के लिए अपनी दूरदर्शी योजनाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर उनके साथ GDA सचिव राजेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
कलाल ने बल दिया कि GDA का प्राथमिक ध्यान एक मजबूत ‘लैंड बैंक’ विकसित करने पर है, जो शहर के अनियोजित विस्तार को नियंत्रित करने और एक सुनियोजित, टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। इस महत्वाकांक्षी विजन की आधारशिला ‘हरनंदीपुरम’ नामक एक नई और आधुनिक टाउनशिप परियोजना होगी, जिसे एक मॉडल शहरी केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

हरनंदीपुरम: गाजियाबाद के भविष्य का प्रवेश द्वार
हरनंदीपुरम टाउनशिप परियोजना को गाजियाबाद के शहरी परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना न केवल आवासीय और वाणिज्यिक विकास के लिए भूमि प्रदान करेगी, बल्कि आवश्यक नागरिक सुविधाओं, हरित स्थानों और आधुनिक बुनियादी ढांचे को भी एकीकृत करेगी। उपाध्यक्ष कलाल के अनुसार, हरनंदीपुरम को दो मुख्य चरणों में विकसित किया जाएगा, जिसमें पहला चरण विशेष रूप से तेजी से क्रियान्वित किया जाएगा।
प्रथम चरण के तहत, GDA का लक्ष्य लगभग 120 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना है, जो तीन गांवों में फैली हुई है। इस पहले चरण को अगले 6 महीनों के भीतर शुरू करने की योजना है। कलाल ने खुलासा किया कि अभी तक, लगभग 85 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति प्राप्त हो चुकी है, जो प्राधिकरण द्वारा अपनाई जा रही किसान-केंद्रित और पारदर्शी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का प्रमाण है।

पारदर्शी और किसान-अनुकूल भूमि अधिग्रहण मॉडल
GDA ने भूमि अधिग्रहण के लिए एक अभिनव और किसान-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाया है, जो किसानों की सहमति पर आधारित है। उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल ने ज़ोर देकर कहा कि भूमि अधिग्रहण पूरी तरह से किसानों की मर्जी से किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन औसतन 2-3 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जो किसानों के सहयोग और परियोजना के प्रति उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
इस प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने के लिए, GDA ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक विशिष्ट लिंक प्रदान किया है, जहाँ किसान अपनी भूमि का विवरण साझा कर सकते हैं। इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारी सीधे उनसे संपर्क करेंगे। इसके अतिरिक्त, भूमि क्रय प्रक्रिया को गति देने और किसानों की सहायता के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों की मदद ली जा रही है। किसानों की सुविधा और सूचना तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष वेबसाइट भी विकसित की गई है। यह कदम किसानों को प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाकर उनकी चिंताओं को दूर करने और एक निष्पक्ष समझौता सुनिश्चित करने की GDA की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
“हमारा प्राथमिक ध्यान एक ऐसा मॉडल बनाने पर है जहाँ विकास और सामुदायिक हित एक साथ चलें,” कलाल ने टिप्पणी की। “किसानों की सहमति सर्वोपरि है, और हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कुशल हो।”
वित्तीय स्वतंत्रता और टिकाऊ विकास
हरनंदीपुरम का प्रथम चरण न केवल गाजियाबाद के लिए एक नए शहरी केंद्र की आधारशिला रखेगा, बल्कि GDA के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत भी बनेगा। उपाध्यक्ष कलाल ने बताया कि इस परियोजना से उत्पन्न होने वाली आय का उपयोग भविष्य में भूमि खरीदने और अन्य विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए किया जाएगा, जिससे प्राधिकरण की वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी। “हरनंदीपुरम सिर्फ एक टाउनशिप नहीं है, यह एक स्व-वित्तपोषित विकास मॉडल है जो गाजियाबाद की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक धन उत्पन्न करेगा,”
पहले चरण के लिए आवश्यक 120 हेक्टेयर भूमि में से 85% हिस्से के लिए किसानों से सीधी खरीद के लिए सहमति प्राप्त हो चुकी है, जो परियोजना के त्वरित क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत नींव प्रदान करती है। अगले 4-5 महीनों में टाउनशिप के प्रथम चरण का विस्तृत लेआउट तैयार होने की उम्मीद है, जिससे निर्माण गतिविधियों को तेजी से शुरू किया जा सके।
एक व्यापक विजन: गाजियाबाद को स्मार्ट और सुनियोजित बनाना
GDA की यह पहल गाजियाबाद को एक सुनियोजित और आधुनिक महानगर में बदलने के व्यापक विजन का हिस्सा है। दिल्ली से इसकी निकटता, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और मजबूत औद्योगिक आधार इसे आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाता है। हालांकि, अनियोजित विकास ने अक्सर बुनियादी ढांचे पर दबाव डाला है। कलाल का मानना है कि लैंड बैंक विकसित करने और हरनंदीपुरम जैसी सुनियोजित टाउनशिप के माध्यम से, गाजियाबाद भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और अपने नागरिकों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्रदान करने में सक्षम होगा।
इस परियोजना से न केवल प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर सृजित होंगे, बल्कि यह शहर में निवेश को भी आकर्षित करेगा, जिससे समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। GDA का लक्ष्य हरनंदीपुरम को हरित, प्रौद्योगिकी-संचालित और नागरिक-केंद्रित बुनियादी ढांचे से लैस करना है, जो आधुनिक शहरी जीवन की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल के नेतृत्व में, यह महत्वाकांक्षी योजना गाजियाबाद को उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार के रूप में अपनी पूरी क्षमता को साकार करने और भविष्य के सुनियोजित शहरी विकास के लिए एक मॉडल स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हरनंदीपुरम टाउनशिप के साथ, गाजियाबाद सिर्फ विस्तार नहीं कर रहा है; यह एक रणनीतिक, टिकाऊ और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ रहा है।



