(GH) 7 सोसायटी के मुख्य प्रवेश द्वार पर लागू सुरक्षा नियमों से असहमत दो रहने वाले, एक गार्ड पर शारीरिक हमले के साथ-साथ उसे कार में अगवा करने की कोशिश करने के बाद, स्थानीय पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई कर, गार्ड को बचा लिया। घटना को लेकर सोसायटी में सुरक्षा प्रोटोकॉल और सामाजिक माहौल पर सवाल उठे हैं।
रात के लगभग 8 बजे, जब गार्ड ने सोसायटी के मुख्य गेट पर बिना वैध “स्टिकर” (सुरक्षा टैग) वाली कार को प्रवेश से रोक दिया, तो दो निवासी, जो अपने वाहन में सोसायटी के भीतर जाने की कोशिश कर रहे थे, गुस्से में आकर गार्ड के साथ खुलेआम अभद्रता और हाथापाई करने लगे।
“मैंने नियमों के अनुसार बिना स्टिकर वाली कार को अंदर नहीं जाने दिया और उन्हें दूसरे गेट से आने को कहा। तभी वे अचानक उभरे, मुझसे बातें बिगाड़ी और मुझे धक्का‑मार दिया,” गार्ड ने पुलिस को अपने बयान में कहा।
हाथापाई के बाद, गार्ड को घबराते हुए एक निजी कार में मजबूर करने का प्रयास किया गया। सोसायटी के कुछ अन्य निवासियों ने इस अवैध प्रयास को देखा और तुरंत पास की पुलिस चौकी को सूचना दी। पुलिस के तुरंत पहुँचने पर, गार्ड को सुरक्षित तौर पर बाहर निकाल लिया गया।

पृष्ठभूमि और पूर्व-घटना
गार्ड ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब वही दो निवासी सुरक्षा नियमों को चुनौती देते आए हैं। “एक दिन पहले भी इसी तरह का झगड़ा हुआ था। उस बार उन्होंने मुझे डाँटा और स्टिकर न लगाने के कारण गेट बंद करने को कहा, पर मैंने नियमों के अनुसार कार्रवाई की,” वह आगे उल्लेख करते हैं।
सोसायटी में कई वर्षों से सुरक्षा नियमों को लेकर कुछ निवासियों में असहजता रही है। GH‑7 सोसायटी की प्रबंधन समिति ने पिछले साल ही प्रवेश द्वार पर ‘स्टिकर‑जाँच’ प्रणाली लागू की थी, जिसका उद्देश्य अनधिकृत वाहनों को रोकना और सोसायटी के भीतर सुरक्षा को बढ़ाना था।



