यमुना प्राधिकरण द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के कारण प्रभावित छह जिलों के हजारों किसानों ने सोमवार को यमुना एक्सप्रेस-वे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत का आयोजन किया। इस बैठक में किसानों ने सरकार से लंबित मुआवजे की मांग को लेकर नाराजगी व्यक्त की और चेतावनी दी कि अगर 22 जनवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे लखनऊ में डेरा लगाकर आंदोलन शुरू कर देंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में आयोजित इस महापंचायत में आगरा, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, अलीगढ़ और गौतम बुद्ध नगर के हजारों किसान ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे। कार्यक्रम स्थल पर किसानों ने नारे लगाए, झंडे लहराए और अपनी समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे बने कई वर्ष हो चुके हैं, लेकिन प्रभावित किसानों को आज तक उचित मुआवजा नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि किसान 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे और अपनी आबादी हेतु 10 प्रतिशत भूखंड की मांग कर रहे हैं, जो कि अभी तक पूरी नहीं हुई। “हमें लगातार आश्वासन मिले हैं, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए हैं,” उन्होंने कहा।
टिकैत ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भी जमीन अधिग्रहित करने पर चिंता जताई और कहा कि वहां प्रभावित लोगों की मांगें भी लंबित हैं। उन्होंने युवाओं को रोजगार का वादा पूरा न होने की भी बात कही। “अब केवल आश्वासन देकर समय नहीं निकाला जा सकता। निर्णायक कदम उठाने का समय आ गया है,” उन्होंने कहा।

एक गांव से दस लोग, 15 दिन के राशन और एक ट्रैक्टर के साथ लखनऊ जाने की तैयारी के लिए किसानों को अपील करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन प्रयागराज में एक बैठक करेगा, जहां आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
महापंचायत के दौरान यमुना प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ओएसडी शैलेंद्र सिंह ने किसान नेताओं के साथ वार्ता की और जनवरी के अंत तक 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा के वितरण का आश्वासन दिया। हालांकि, किसान नेताओं ने कहा कि अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा। उन्होंने मांग की कि छहों जिलों के जिलाधिकारी और प्राधिकरण अधिकारी सामूहिक बैठक करके जल्द समाधान प्रस्तुत करें।
इस मौके पर आगरा के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया, मथुरा की कुमारी मीरा, बुलंदशहर के अरब सिंह, हाथरस के सतदेव पाठक, अलीगढ़ के सुंदर बालियान और गौतम बुद्ध नगर के राबिन नागर सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने महापंचायत स्थल पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया। सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई, क्विक रिस्पांस टीम तैनात की गई और इंटरनेट मीडिया पर नजर रखी गई। एसीपी हेमंत उपाध्याय ने बताया कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और किसी भी तरह की उथल-पुथल या अशांति की घटना नहीं हुई।



