सतत सार्वजनिक परिवहन के एक नए युग की शुरुआत करते हुए, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) नए साल तक यमुना सिटी में हाइड्रोजन फ्यूल-सेल बसों का संचालन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह अग्रणी पहल, एनटीपीसी (NTPC) के सहयोग से, उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली पायलट परियोजना है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण-मुक्त आवागमन समाधान पेश करना है।
यह परियोजना न केवल यमुना सिटी के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी उन्नयन का प्रतीक है, बल्कि यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और अन्य प्रमुख भारतीय शहरों में हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक मॉडल भी स्थापित करती है।

निजी एजेंसी करेगी संचालन और स्टाफिंग सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए, YEIDA ने चालक और परिचालक उपलब्ध कराने के लिए एक निजी एजेंसी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राधिकरण के एसीईओ, नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एजेंसी चयन के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) का मसौदा तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इच्छुक एजेंसियों से प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए जारी किया जाएगा।
बोर्ड की मंजूरी के बाद, एजेंसी चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी। हमारा लक्ष्य नए साल तक बस संचालन शुरू करना है।” उन्होंने आगे बताया कि शुरुआत में, एनटीपीसी द्वारा चार हाइड्रोजन-संचालित बसें उपलब्ध कराई जाएंगी, और जल्द ही बेड़े में दो और बसें शामिल की जाएंगी, जिससे कुल छह बसों के लिए एजेंसी को चालक और परिचालक उपलब्ध कराने होंगे।
नागेंद्र प्रताप सिंह – एसीईओ यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA)
एनटीपीसी करेगा ईंधन की आपूर्ति, प्राधिकरण पर होगी संचालन की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण और एनटीपीसी के बीच हुए समझौते के अनुसार, बसों के संचालन की प्राथमिक जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी। इसमें आवश्यक अनुमतियों और परमिट की व्यवस्था करना भी शामिल है। वहीं, एनटीपीसी हाइड्रोजन ईंधन की आपूर्ति के साथ-साथ बसों का आवश्यक रखरखाव भी सुनिश्चित करेगा।

कासना एसटीपी के शोधित जल से बनेगी हाइड्रोजन इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय पहलू हाइड्रोजन ईंधन का स्थायी स्रोत है। एनटीपीसी कासना में स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के शोधित पानी का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। यह प्रणाली अपशिष्ट जल को स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तित करने में एक बंद-लूप दृष्टिकोण का प्रदर्शन करती है, जो पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
एक बार में 600 किमी की रेंज, शून्य उत्सर्जन एनटीपीसी द्वारा प्राधिकरण को दिए गए प्रेजेंटेशन के अनुसार, ये अत्याधुनिक एयर कंडीशनर बसें दक्षता और आराम के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जिनमें 45 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी। हाइड्रोजन सेल के रूप में एक बार ईंधन भरने पर ये बसें 600 किलोमीटर तक की प्रभावशाली रेंज तय कर सकेंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन बसों से केवल जलवाष्प का उत्सर्जन होगा, जिससे यह पूरी तरह से प्रदूषण-मुक्त सार्वजनिक परिवहन का साधन बन जाएगा, जो वायु गुणवत्ता चुनौतियों से जूझ रहे शहरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रदेश का पहला पायलट प्रोजेक्ट, भविष्य के लिए मार्गदर्शक यमुना सिटी में हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली बसों का यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है। इस प्रयोग की सफलता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और अन्य प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रूप से हाइड्रोजन बसों को अपनाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। एनटीपीसी का दृष्टिकोण है कि ये बसें उन शहरी केंद्रों में सार्वजनिक परिवहन के लिए एक स्थायी समाधान बनें जो उच्च स्तर के प्रदूषण से जूझ रहे हैं, पारंपरिक जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों का एक व्यवहार्य विकल्प प्रदान करती हैं।
जैसे ही YEIDA इन अत्याधुनिक बसों को शुरू करने की तैयारी कर रहा है, यह परियोजना न केवल यमुना सिटी के लिए हरित गतिशीलता की दिशा में एक छलांग का प्रतीक है, बल्कि देश भर में स्थायी शहरी विकास के लिए एक मिसाल भी कायम करती है। यह एक स्वच्छ, स्वस्थ भविष्य के लिए अभिनव, पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।



