संभवतः इतना विवाद महाकवि कालिदास को मेघदूतम लिखने पर नहीं हुआ होगा जितना उनके महाकाव्य के आधार पर बने नोएडा के मेघदूतम पार्क के ऊपर इन दिनों हो रहा है । इन दिनों में इस पार्क पर विवादों के बदले छाए हुए हैं और विवाद के पीछे की जड़ निवासियों और आरडब्ल्यूए के नेताओं के बीच के आपसी संघर्ष को बताया जा रहा है । आपको बता दें कि बीते दिनों पर के बीचो-बीच सात पाम के पेड़ों पर आश्चर्यजनक तरीके से आग लगने का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ कि अब पार्क में सूखे पेड़ों को काटने छांटने पर फिर से नया विवाद खड़ा हो गया है ।

साल के आखिरी दिन मंगलवार को नोएडा के सोशल मीडिया पर सेक्टर 51 RWA के पदाधिकारी संजीव कुमार ने वीडियो डालकर दावा किया कि मेघदूतम पार्क सेक्टर 50 नोएडा में हरे भरे पेड़ों को जड़ से काटा गया है हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं । इसके बाद इसको लेकर शहर में तमाम चर्चाएं होने लगी इस चर्चाओं के बीच मेघदूतम पार्क में बीते दिनों पेड़ों को आग लगाने की घटना पर भी जोड़कर इसको लेकर तमाम प्रश्न नोएडा उद्यान विभाग और नोएडा प्राधिकरण से किए जाने लगे ।





वहीं प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार इस पूरे प्रकरण पर कुछ लोग बेवजह अपनी नेतागिरी दिखाने के लिए शोर मचाने का काम कर रहे हैं। दरअसल प्राधिकरण में सेक्टर के चारों तरफ रहने वाले कई लोगों ने शिकायत करी कि पार्क में बने रास्ते में कुछ पेड़ अवस्थित तरीके से आने जाने वालों के ऊपर तक आने लगे हैं साथ ही कुछ पेड़ सुख भी गए जिनके कारण यहां फिर से कोई आग लगने की घटना अंजाम दे सकता है। ऐसे में नोएडा उद्यान विभाग ने इसको लेकर सूखे पेड़ों की लड़कियों को काटने छांटने का आदेश दे दिया ।

पार्क में सूखे पेड़ों को कांटे जाने के क्रम उनकी सुखी लड़कियों के ढेर को गीली लड़कियों का ढेर बता कर सेक्टर के नेताओं ने हंगामा काट दिया । ऐसे में अब निवासियों की जरूरत और RWA नेताओं के बीच उद्यान विभाग के लोग कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रहे हैं ।
एनसीआर खबर की टीम ने मंगलवार देर शाम पार्क जाकर वस्तु स्थिति का अध्ययन किया जिसमें सोशल मीडिया पर बताई गई बातों को बढ़ा चढ़ा कर बताया जाना प्रतीत हुआ। वहीं लोगों से बात करने पर उनको इस तरीके की किसी विवाद की जानकारी न होने की भी बात कही गई । पार्क में घूम रहे कुछ बुजुर्गों ने बताया कि इस पार्क को लेकर नेताओं और ठेकेदारों के बीच की सांठ गांठ का मामला हो सकता है हालांकि यह सच ही हो इसका दावा उन्होंने नहीं किया । फिर भी फिलहाल पेड़ों को काटने को लेकर माहौल गर्म है और अपने-अपने पक्ष के लोग अपने-अपने तर्क दे रहे हैं और मेघदूतम पार्क मेघदूत महाकाव्य के यक्ष की तरह अपने अच्छे दिन आने के लिए विरह गीत गा रहा है ।