8 मार्च को एक बार फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुध नगर के अपने दौरे पर आ रहे हैं इसमें वह कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे । मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर एक बार फिर से संगठन और भाजपा के जनप्रतिनिधियों में कई दिन से छाई निंद्रा टूटती दिखाई दी है । संगठन द्वारा कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री आगमन पर एक्टिव होने के लिए फोन किया जा रहा है
दरअसल लंबे समय से जिला अध्यक्ष के लिए भाग दौड़ कर रहे भाजपा के नेताओं में बीते कई दिनों से निराशा के भाव दिखने लगे थे । काफी समय से भाजपा के कार्यालयों पर कार्यकर्ताओं की उपस्थिति लगभग शून्य हो चुकी थी भाजपा जिला अध्यक्ष की दौड़ में लगे नेताओं ने भी अब लखनऊ के चक्कर लगाने छोड़ दिए है । लंबे समय से जिला अध्यक्ष को लेकर घोषित तिथियां को के बार-बार बीत जाने के बाद अब नेताओं का कहना है कि भाजपा में इतने नेता हो चुके हैं कि अब भाजपा कार्यकर्ताओं और संगठन के मामले में उदासीन हो चुकी है ।
जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं की उदासीनता की स्थिति आप इसे समझ सकते हैं कि महाकुंभ के बाद भेजे गए संगम के जल के बांटे जाने को लेकर प्रशासन को भाजपा कार्यालय की जगह एक निजी संस्था के कार्यालय पर ले जाकर जल बटवाना पड़ा। बाद में विवाद बढ़ने पर उसको भाजपा विधायक के यहां भिजवाया गया और समाचार लेकर जाने तक भी संगठन और कार्यकर्ता इसे लेकर एक्टिव मोड में दिखाई नहीं दे रहा है
संगठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में उदासीनता लगातार लोगों को सुप्तावस्था में जाने के लिए प्रेरित कर रही है कहा जा रहा है कि 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ता भी अब 2027 में ही एक्टिव होने की बातें कर रहे हैं । इसका असर शहर भर में त्योहारों पर लगने वाले भाजपा नेताओं के पोस्टर्स को लेकर देखा जा सकता है इन दोनों गौतम बुद्ध नगर में विपक्ष के नेताओं के होली की शुभकामना देते हुए पोस्ट दिखाई दे रहे हैं किंतु भाजपा नेताओं ने फिलहाल चुप्पी साध ली है।
कई भाजपा नेताओं ने एनसीआर खबर से स्पष्ट कहा कि अगले 2 साल यहां चुनाव नहीं है ऐसे में कार्यकर्ताओं पर बिना पद के भाजपा के अंतहीन कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के अलावा कोई काम नहीं है। स्थिति ये है कि कार्यकर्ता बीते 1 वर्ष से संगठन विस्तार की आशा में लगातार काम भी कर रहा है किंतु उसका परिणाम कार्यकर्ताओं को नहीं मिल रहा है । ऐसे में अब जब कार्यकर्ता हताशा की स्थिति तक पहुंच चुका है तो पार्टी भले ही चहुं और जीत का जश्न बना रही हो किंतु क्षेत्र में कार्यकर्ताओं का उत्साह लगभग समाप्ति की ओर है ।
और अगर भाजपा संगठन को लेकर इसी तरीके से अनिश्चितता के फेर में लगी रही तो आने वाले दिनों में कार्यालय पर कार्यों के लिए कार्यकर्ता मिलने मुश्किल हो जायेंगे ।