सोमवार को WTC नोएडा के इन्वेस्टर्स और खरीदारों ने नोएडा मीडिया क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसके प्रमोटर आशीष भला पर आरोप लगाते हुए उन्हें आदतन अपराधी बताया । प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विपुल गुप्ता ने आरोप लगाए कि प्रोफेशन से सीए आशीष भल्ला ने 2010 से पहले कंपनी ए एन बिल्डवेल बनाकर धोखाधड़ी शुरू कर दी । इसके बाद उन्होंने USA के WTC एसोसिएशन से फ्रेंचाइजी लेकर उसके नाम से WTC नोएडा की परियोजनाओं को बेचना शुरू किया इस पूरे प्रकरण में इन्वेस्टर क्लिनिक और विदेशों में स्क्वायर यार्ड जैसे उनके एजेंटों ने इन्वेस्टर और खरीदारों को भ्रमित किया ।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में डी एस गहलोत ने आरोप लगाए की इस इन्वेस्टर्स द्वारा जब भी WTC USA को इन मामलों के बारे में लिखा जाता है तो उनका जवाब यह आता है कि WTC नोएडा उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है साथ ही कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार WTC USA और WTC नोएडा के बीच भी कोई संबंध नहीं है उन्होंने आरोप लगाया कि आशीष भल्ला ने अभी तक अपना कोई भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया है और खरीदारों का सारा पैसा उनकी शैल कंपनियों में जमा कर लिया है ।
25 फरवरी को हमने सुपरटेक केप टाउन सेक्टर 90 में जुंटा चौपाल का आयोजन किया जहां खरीदारों ने अपनी दर्द को साझा किया इस चौपाल में 70 साल के एक व्यक्ति भी शामिल हुए जिन्होंने अपने रिटायरमेंट के पैसे लगाकर अपना जीवन दुखमय कर लिया उनकी आंखों में आंसू थे ।
निवेशक जयश्री
निवेशकों ने इस पूरे प्रकरण में भूटानी इंफ्रा को भी दोषी करार देते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण में आशीष भल्ला की सर होल्डिंग्स वत्स नोएडा डेवलपमेंट कंस्ट्रक्शन कंपनी और उसकी सहयोगियों कंपनियों के अलावा परमेश्वर कंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है परमेश्वर कंपनी के प्रमोटर के तौर पर अश्वनी चेटली का नाम आता है, जो भूटानी ग्रुप से संबंधित है इसी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि आशीष भल्ला ने अपने निवेशकों से वादा करने के बावजूद उसी दिन 50% शेयर अश्वनी चेटली के नाम ट्रांसफर कर दिए ।
पूरे प्रकरण में निवेशको ने यूपी रेरा के भूमिका पर भी आरोप लगाए की रेरा छः महीने की डेट देता है । निवेदक राशि में बताया कि उन्होंने रेरा में शिकायत की जिसके बाद उन्हें 6 महीने की डेट दे दी गई 6 महीने के बाद दूसरे पक्ष से वकील उपलब्ध न होने की बात कह कर फिर आगे 6 महीने की डेट दे दी गई। निवेशक राजश्री गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि रेरा के अध्यक्ष से मिलने देने के लिए भी कोई तैयार नहीं है । उनके सहायक अंशुमान सिंह ने नोएडा में अपने अगले दौर में चेयरमैन डा संजय भूसरेडी से मिलने का वादा भी किया किंतु बाद में उसे पूरा नहीं किया आरोप है कि बिल्डर ने बिना किसी निर्माण के ही रेरा के साथ मिलकर इस खाते से पूरा पैसा निकाल लिया । साथ ही यूपी रेरा 26 अगस्त 2022 की अपनी रिपोर्ट पर भी कार्यवाही नहीं कर रहा है जो WTC नोएडा के मामले में अनियमिताओं को दर्शाता है।
दुबई से आई डॉक्टर रेखा ने आरोप लगाए कि उन्होंने दुबई में बैठकर वत्स के नाम पर इस परियोजना में यह सोचकर पैसा लगाया था कि यह एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट होगा और इसमें उनके पैसे नहीं फसेंगे ।
इस प्रोजेक्ट में भूटानी ग्रुप में शेयर खरीद कर निवेश को के साथ एक बड़े घोटाले की भूमिका तैयार कर ली थी । भूटानी WTC नोएडा परियोजना को भूटानी अल्फाथम परियोजना में बदलने की पेशकश कर रहे थे जहां अभी तक ओ सी प्राप्त नहीं हुआ है अपनी पेशकश में भूटानी ने निवेश को से ₹10000 प्रति स्क्वायर फुट की मांग की जबकि बाजार का मूल्य 6 से 7000 रुपए प्रति स्क्वायर फुट था ।
निवेशक विपुल गुप्ता
प्रेस वार्ता में नोएडा के WTC और भूटानी के 12 ठिकानो पर परिवर्तन निदेशालय की हुई छापेमारी के बाद 3500 करोड रुपए के वैध दस्तावेज ग्रामीण बरामद किए जाने और सिंगापुर में फंड भेजने की जानकारी पर बात करते हुए कहा गया कि ईडी ने जांच के लिए आशीष भल्ला को 7 दिन का डिमांड पर लिया है इस मामले में भूटानी की भूमिका भी संदिग्ध है हमें पता लगा है कि भूटानी गौतम बुध नगर में ही 230 एकड़ में फिल्म सिटी के निर्माण का एम ओ यू यमुना प्राधिकरण के साथ साइन कर चुका है ऐसे में WTC और भूटानी के 5000 निवेशकों के 20000 करोड़ डूबने वाले ऐसे समूहों को सरकार किस तरीके से नए प्रोजेक्ट्स दे रही है और क्या आने वाले समय में वहां पर भी निवेशकों के पैसे डूबेंगे इसकी बात कोई नहीं कर रहा है ।
आपको बता दें कि इस पूरे प्रकरण में भूटानी की ओर से पहले ही WTC नोएडा की परियोजनाओं से अलग होने का दावा मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है । चर्चा है कि WTC हो रही इन बातों हुई चलते भूटानी ग्रुप के साथ हुई डील से अपने हाथ खींच चुका है ।