आशु भटनागर । मात्र 3 दिन बाद अपना स्थापना दिवस मनाने ओर 50 बरस के होने को आए नोएडा ओर नोएडा प्राधिकरण में इन दिनों खुशी का माहौल है । नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम देश विदेश में उत्तर प्रदेश के सबसे हाईटेक शहर की गाथाएं सुनाकर उनको नोएडा देखने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं । बीते दिनों मंगोलिया का एक प्रतिनिधिमंडल अपने नए शहर को बसाने के लिए नोएडा की स्टडी करने भी आया ।
प्रतिनिधि मंडल को प्राधिकरण के अधिकारियों ने कौन सा नोएडा दिखाया या फिर उन्होंने नोएडा का कौन सा रूप देखा उस पर हम कभी और बात करेंगे पहले यह समझते हैं कि नोएडा का दिल कहे जाने वाले सेक्टर 18 की बीते 50 बरस में स्थिति क्या है ? बरसों से सेक्टर 18 में पार्किंग के नाम पर प्राधिकरण और पार्किंग ठेकेदारों की वसूली की समस्या का क्या सच में कोई समाधान हुआ है या यह आज भी अनवरत जारी है ।

कहा जाता है जब से नोएडा बना है तब से दिल्ली के कनॉट प्लेस को मात देने वाला सेक्टर 18 पार्किंग ठेकेदारों या फिर पार्किंग माफिया की अवैध वसूली से परेशान है और 50 बरस के होने को आए नोएडा के निवासियों को आज तक इसे कोई मुक्ति नहीं मिली है ।

सोमवार को डॉ भीम राव अंबेडकर के जन्मदिवस कार्यक्रम की कवरेज करने गई टीम का सामना एक बार फिर से इस प्रमुख समस्या से हुआ । पार्किंग में खड़े व्यक्ति से बात हुई तो पता लगा की सेक्टर 18 की पार्किंग को एक जगह करने के लिए बनाई गई मल्टीलेवल पार्किंग के बावजूद पूरे सेक्टर 18 में पार्किंग के ठेकों के नाम पर आड़ी तिरछी पार्किंग ओर उनकी आड़ में अवैध वसूली अभी तक चल रही है।
रोचक तथ्य यह है कि जिस पार्किंग के स्थल पर मात्र 12 फोर व्हीलर खड़ी करने का ठेका दिया गया है, किंतु वहां कारों के साथ सैकड़ो मोटरसाइकिल्स, स्कूटर को खड़ा करने की अनुमति किसने दी, इसका किसी को पता नहीं है ।
एनसीआर खबर ने इस पूरे प्रकरण पर प्राधिकरण के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस पर अभिज्ञता जाहिर की। ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि पार्किंग के लिए लगे आदिकालीन बोर्ड पर, प्रस्तावित मैप, जगह की मार्किंग, ठेकेदार का नाम, फोन नंबर और हेल्पलाइन नंबर ना लिखा होने पर वहां आने वाला आम नागरिक क्या करें ।
दुखद तथ्य यह है कि जिस स्थल पर मात्र 12 चार पहियों की गाड़ियों के लिए पार्किंग का ठेका दिया गया है वहां सैकड़ो मोटरसाइकिल्स को प्रति आधे घंटे ₹10 के हिसाब से चार्ज किया जाना कहां तक जायज है । कोढ़ में खाज यह भी है कि आधा घंटा होते ही पार्किंग का बिल अगले 4 घंटे के लिए ₹35 हो जाता है, चाहे आप वहां 40 ही मिनट बाद आ जाए ।
ऐसे में मात्र 12 चार पहिया गाड़ियों के लिए दिए गए ठेके से कारों के अतिरिक्त प्रतिदिन 25 से ₹50000 की अवैध कमाई सेक्टर 18 के सिर्फ एक छोटे से हिस्से से अगर हो रही है तो इस सेक्टर 18 में वसूली के खेल में कितने लोग शामिल हैं इसका समाधान कौन ओर कब करेगा ?

आपको बता दें कि कई करोड़ रुपए लगाकर प्राधिकरण द्वारा नोएडा सेक्टर 18 में कुछ वर्ष पहले मल्टी लेवल पार्किंग इसलिए बनाई गई थी ताकि नोएडा में सेक्टर 18 मार्केट की सर्विस लेन पर व्यवधान पैदा करने वाली इन पार्किंग को खत्म करके कनॉट प्लेस की तरह एक सुंदर व्यवस्थित सेक्टर 18 बनाया जा सके ।
किंतु सेक्टर 18 में आज तक इस मल्टीलेवल पार्किंग के बावजूद खाली पड़ी जगह पर कैपेसिटी से ज्यादा प्रयोग की जा रही इस पार्किंग का खेल क्या सीईओ लोकेश एम की जानकारी में नहीं है और अगर इस खेल की जानकारी होने के बावजूद नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम इससे आंख मूंद बैठे हैं तो 50 बरस के होने को आए नोएडा में होने वाले कार्यक्रमों, क्रिकेट मैच, कवि सम्मेलनों के जरिए नोएडा की मार्केटिंग तो की जा सकती है किंतु नोएडा का समुचित विकास और लोगों को सुविधा देने के दावे प्रश्नों के घेरे में है।

यह प्रश्न इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मात्र कुछ दिनों पहले ही नोएडा के सेक्टर 18 के एक मार्केट में आग लगने के बाद ऐसे ही आड़ी तिरछी खड़ी गाड़ियों के चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को वहां पहुंचने पर भी काफी चर्चाएं हुई थी प्रश्न यह भी था कि सर्विस रोड पर प्रयोग की जा रही ऐसी पार्किंग की आवश्यकता अगर मल्टी लेवल पार्किंग के बावजूद नोएडा प्राधिकरण समाप्त नहीं कर पा रहा है तो फिर करोड़ों रुपए फूंक कर बनाई गई उसे मल्टी लेवल पार्किंग के क्या मायने थे ।
और अंत में एक बार फिर 50 बरस के हो रहे हैं जा रहे नोएडा के मात्र एक प्रमुख व्यावसायिक सेक्टर में अगर ऐसी समस्याएं हैं तो फिर उत्तर प्रदेश के सबसे हाईटेक शहर में भले ही मंगोलिया से लेकर अमेरिका तक कितने भी प्रतिनिधिमंडल आए, आम जनता को उसका क्या फायदा है इसके बारे में सोचना और समाधान भी नोएडा के सीईओ डॉक्टर लोकेश एम को ही पड़ेगा।