आशु भटनागर । कहते हैं किसी संस्थान को अगर अच्छा नेतृत्व मिल जाए तो उसकी कहानी बदल जाती है । ऐसा ही कुछ लगभग एक दशक से घाटे में चल रहे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के साथ होता दिखाई दे रहा है । 2023 तक लगभग 7000 हजार करोड़ के घाटे में कर्ज में चल रहे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 5000 करोड़ के कर्ज को चुकाया है वहीं 7500 हजार करोड़ की एफडी बैंकों में जमा कर एक नया इतिहास रच दिया है ।
जीवन में कर्ज चुकाने के लिए सबसे बड़ा सिद्धांत अपने खर्चों में कटौती और कमाई को बढ़ाना माना जाता है। नियमित आमदनी को बढ़ाने के साथ बचत करके ही आप भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। ऐसा ही सिद्धांत 6 जुलाई 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ बनकर आए रवि एनजी ने अपनाया है । पहले एक वर्ष प्राधिकरण के कर्मचारियों से लेकर शहर के निवासियों तक की बुराई सुनने के बावजूद बीते 2 वर्षों में हुआ यह अभूतपूर्व परिवर्तन न सिर्फ प्रशंसनीय हैं बल्कि अनुकरणीय भी है।
अपने नाम के अनुरूप सूर्य की भांति चमकने वाले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एन जी ने ग्रेटर नोएडा शहर और प्राधिकरण की किस्मत में लिखे अंधेरे को दूर करके, पुरानी फंसी योजनाओं को पूर्ण करके तथा नई योजनाओं के कार्यान्वयन से नई रोशनी नई ऊर्जा से भर दिया है । 2 वर्षो में रवि एनजी प्रचार के मोह से दूर रह कर लगातार काम करते दिखाई देते हैं I मीडिया से मुलाकात और जानकारी के लिए उन्होंने अपनी टीम को आगे किया है I प्राधिकरण के प्रत्येक कार्य पर नज़र रखने वाले एक समर्पित अभिभावक की भांति निरीक्षण करने वाले रविएनजी, जब पूरा शहर सो रहा होता है या सो कर नहीं उठा होता है तब वो शहर की समस्याओ के लिए सड़को पर उतरते है और दिन भर उन कार्यो के पूर्ण होने को सुनिश्चित करते है
अपनी स्थापना के बाद से ही लगातार कर्ज की मार से परेशान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तत्कालीन सीईओ के फाइनेंशियल मैनेजमेंट के गणित के कुप्रबंधन के चलते और बीमार होता गया । इनमे 2011 में शाहबेरी और पतवारी जैसे बड़े किसान आन्दोलन भी प्रमुख वजह थीI ऐसे में प्राधिकरण ने अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नोएडा प्राधिकरण से लेकर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड और कई बैंकों से कई ऋण लिए थे । इनमें मेट्रो और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 631 करोड़ के कर्ज के साथ नोएडा प्राधिकरण के 4091 करोड़ के कर्ज शामिल थे। इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफसी और बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र का कुल मिलाकर 2500 करोड रुपए का कर्ज भी प्राधिकरण के ऊपर चढ़ गया था ।
जुलाई 2023 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थिति यह थी कि उसको अपने दैनिक खर्चो (जिसमें प्राधिकरण को चलाने के खर्चे से लेकर अधिकारियों कर्मचारियों की सैलरी तक शामिल थी) को ही निकाल पाना बड़ा काम लगता था । ऐसे में कर्ज को चुकाना अपने आप में एक बड़ी समस्या थी और लगभग असंभव सा लगने वाला काम था ।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक वित्त विनोद कुमार के अनुसार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 2024-25 के बजट में अनुमानित बजट 4859.90 करोड़ का था इसके सापेक्ष प्राधिकरण को हुई सकल आय 5806.90 करोड़ थी जबकि पूरे वर्ष में प्राधिकरण में मात्र 1957.31 करोड रुपए खर्च किया।
वर्तमान में प्राधिकरण के फिक्स खर्चों में अगर देखें तो प्राधिकरण के अधिकारियो कर्मचारियो के वेतन पर 36 करोड रुपए खर्च आता है। इसके अलावा शहर की साफ सफाई पर 80 से 90 करोड रुपए और शहर की सड़कों और पार्कों को बिजली से गुलजार रखने का खर्च 50 करोड रुपए आता है उसके साथ ही प्राधिकरण को लीज रेंट से 500 करोड रुपए वार्षिक आय होती है ।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वित्तीय महाप्रबंधक विनोद कुमार के अनुसार जुलाई 2023 में जब सीईओ रवि एनजी ने प्राधिकरण की कमान संभाली तो उन्होंने इन सभी चीजों को अलग-अलग मदो में रेखांकित करना शुरू किया। सबसे पहले प्राधिकरण के कर्मचारियों की वर्तमान सैलरी और खर्चों के लिए धनराशि को सुरक्षित किया गया । उसके बाद प्राधिकरण की परिसंपत्तियों पर बकाया धनराशि को वसूलने की रणनीति को मजबूत किया गया । इसके साथ ही प्राधिकरण के तमाम मदों और रुकी हुई परियोजनाओं को शुरू कर करके आए पैसे को खर्च न करके उसे विभिन्न मदों में तमाम एफडी में कन्वर्ट करना शुरू किया । भारी कर्ज से दबे प्राधिकरण की स्थिति सांस लेने लायक हुई तो प्राधिकरण के अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाया गया उसके साथ ही प्राधिकरण के कर्ज को लगातार उतारने के भागीरथ प्रयास किया गए ।
लगातार कर्ज चुकाने और आय को बैंकों में जमा करने वाले रवि एन जी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विकास कार्यों को भी नई दिशा दी है । उनके कार्यकाल में ग्रेटर नोएडा की सड़कों के चौड़ीकरण, गांव के विकास और गौशाला के अलावा अस्तौली में बना रहे कूड़ा निस्तारण के बड़े प्रोजेक्ट शामिल है तो इसी शहर में प्राधिकरण की खोयी हुई जमीनों पर नए सोसाइटी प्रोजेक्ट्स, अस्पताल और नए औद्योगिक प्रोजेक्ट भी लगाये जा रहे है ।
अपने कार्यकाल के प्रथम वर्ष में लगभग 1500 करोड़ का कर्ज उतारने वाले सीईओ रवि एन जी ने दूसरा वर्ष आते-आते कर्ज का अधिकतम हिस्सा समाप्त कर दिया है प्राधिकरण के महाप्रबंधक के अनुसार अब लगभग 2500 करोड रुपए का कर्ज बाकी रह गया है जबकि इसी वर्ष 7500 हजार करोड़ की एफडी बैंक में जमा कर दी गई है ।
ऐसे में एक दशक से कर्ज में डूबे, वेंटिलेटर पर जा चुके ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कर्ज से निकालकर आर्थिक मजबूती के साथ जिस सिंहासन पर रवि एनजी ने विराजमान कर दिया है उसका फायदा अगले कई दशकों तक ये शहर ओर इसके लोग उठाते रहेंगे ।