कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक कठिन आपराधिक षड्यंत्र का पर्दाफाश करते हुए अपहृत किसान परिवार के तीन सदस्यों को सकुशल बरामद किया है। यह षड्यंत्र जेवर क्षेत्र में जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास से जुड़ी विस्थापन नीति के खिलाफ एक संगठित गिरोह द्वारा की गई थी। पुलिस ने अपहरण के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक आरोपी एक पायलट भी है।
पुलिस के अनुसार इस पुरे प्रकरण का आरंभ 2 जून 2025 को हुआ, जब ग्राम रोही निवासी हंसराज के परिवार ने यह दावा किया कि उन्हें अवैध हिरासत में रखा गया है। हंसराज के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती कमलेश देवी और दो पुत्र, सौरभ और सोनू शामिल हैं। हंसराज के परिवार का कहना था कि वे पिछले तीन वर्षों से जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाउंड्री के अंदर निवास कर रहे थे।
थाना जेवर/SWAT पुलिस ने 05 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर तीनों अपहृत व्यक्तियों को सकुशल बरामद किया।
— POLICE COMMISSIONERATE GAUTAM BUDDH NAGAR (@noidapolice) June 28, 2025
अभियुक्तों द्वारा षड्यंत्र कर किसान परिवार को अपहृत कर हैबियस कार्पस रिट द्वारा जेवर एयरपोर्ट के विकास व पुनर्वास मे बाधा डालकर अनैतिक धन लाभ लिया जाता था।
बाइट ~ @DCPGreaterNoida pic.twitter.com/Y1YNQyRIiL
पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा, श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में सात पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने विभिन्न तकनीकी और वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करते हुए अपहृत व्यक्तियों की तलाश की। अंततः 27 जून 2025 को तेलंगाना के दयानतपुर से हंसराज, कमलेश देवी और सौरभ को सुरक्षित बरामद किया गया।
अपहरण का मास्टरमाइंड निकला पायलट
पुलिस ने बताया कि अपहरण का मास्टरमाइंड कैप्टन पुत्तन सिंह था, जो एक उड्डयन कंपनी में पायलट है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी हंसराज के परिवार को अपहरण करके जेवर एयरपोर्ट के विकास में बाधा डालना चाहते थे ताकि वे आर्थिक लाभ उठा सकें। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों के नामों की घोषणा की
1. कैप्टन पुत्तन सिंह
2. प्रमोद सिंह
3. पवन चौधरी
4. रामादेवी
5. सरोजबाला
पुलिस ने बताया कि इन सभी अभियुक्तों ने मिलकर एक आपराधिक षड्यंत्र रचा था, जिसके तहत उन्होंने हंसराज के परिवार को बंधक बनाया। पुलिस ने इस बात का भी उल्लेख किया कि अपहृत व्यक्तियों को छुपाने के लिए स्थान का चुनाव भी बहुत सोच-समझकर किया गया था ताकि उन्हें ढूंढ पाना मुश्किल हो सके।
“यह हमारी टीम की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि हम तीनों अपहृत व्यक्तियों को सुरक्षित बरामद करने में सफल रहे। हम इस प्रकार के अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा

इस घटना ने ना केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे कुछ लोग अपनी आर्थिक लाभ के लिए समाज में असुरक्षा का माहौल पैदा कर सकते हैं। अब पुलिस अन्य सह आरोपियों की तलाश कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए सराहना प्राप्त की है, जो सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाती है। पुलिस का कहना है कि वे आगे भी ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते रहेंगे, ताकि नागरिकों में कानून और व्यवस्था का विश्वास बना रहे।