यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में समीक्षा बैठक औधोगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नंदी ने की, जिसमें प्रांजल यादव, सचिव, औद्योगिक विकास विभाग, राकेश कुमार सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), YEIDA, नागेंद्र प्रताप, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ACEO), कपिल सिंह, ACEO, शैलेंद्र भाटिया, विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी), शैलेंद्र कुमार सिंह, ओएसडी और राजेंद्र भाटी, महाप्रबंधक (परियोजना), उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और आगामी कार्यों की दिशा तय करना था।

मंत्री के आगमन पर, YEIDA के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने उनका औपचारिक स्वागत किया और शैलेंद्र भाटिया को प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं और उनकी वर्तमान स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान प्राधिकरण द्वारा निर्धारित लक्ष्य ₹43,750 करोड़ के मुकाबले ₹45,148.41 करोड़ की राशि के 280 परियोजनाओं का आवंटन किया गया है, जिससे निकट भविष्य में 132,663 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि जिन परियोजनाओं के लिए हमने एलओआई जारी किए हैं, उन पर भूमि उपलब्धता का कार्य तेजी से किया जाए।”
मंत्री ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण औद्योगिक भूखंडों के आवंटियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करे और यह सुनिश्चित करें कि सभी भूखंडों का उपयोग सही तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, “जिन भूखंडों पर उद्योग का निर्माण नहीं हो रहा है, उन पर विकास कार्य शुरू करने की निगरानी की जाए।”
YEIDA के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने हवाई अड्डे के पास एक अत्याधुनिक अस्पताल के विकास का प्रस्ताव रखा। जिसे मंत्री से तत्काल सहमति दे दी।
सेक्टर 21 में विकसित किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी परियोजना में इसकी अंतर्राष्ट्रीय बोली प्रक्रिया से लेकर भूमि आवंटन के वर्तमान चरण तक की विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि विकासकर्ता मेसर्स वेवव्यू भूटानी प्राइवेट लिमिटेड को परियोजना की ‘नियुक्त तिथि’ 9 जून, 2025 से अवगत कराया गया था। फिल्म सिटी परियोजना के पहले चरण के लिए, जिसमें फिल्म स्टूडियो, शूटिंग स्थानों और अन्य फिल्म निर्माण से संबंधित गतिविधियों का निर्माण शामिल है।
मंत्री ने अधिकारियों को रियायतकर्ता मेसर्स वेवव्यू भूटानी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को समयबद्ध तरीके से फिल्म सिटी का रूप देने के लिए कहा। सीईओ राकेश कुमार सिंह ने पुष्टि की कि भूमि का भौतिक कब्ज़ा पहले ही विकासकर्ता को सौंप दिया गया है, और विकास के लिए उनके मास्टर प्लान को प्राधिकरण से मंजूरी मिल गई है।
बैठक में मेडिकल डिवाइस पार्क की प्रगति पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि इस परियोजना के तहत 350 एकड़ में 225 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है और 89 भूखंडों पर निर्माण कार्य चल रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा, “भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे विभिन्न लाभों के चलते इस क्षेत्र में निवेश बढ़ रहा है।”
इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी 2.0) का निर्माण भी एक महत्वपूर्ण विषय रहा। प्राधिकरण क्षेत्र में इस परियोजना का कुल क्षेत्रफल 206.4 एकड़ होगा, जिसमें लगभग ₹485.5 करोड़ का निवेश किया जाएगा। मंत्री ने इस परियोजना को लेकर उत्साह व्यक्त किया और कहा, “यह न केवल रोजगार के अवसर सृजित करेगा, बल्कि क्षेत्र के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए मेसर्स हैवेल्स लिमिटेड को एंकर इकाई के रूप में नामित किया गया है इसके अलावा, मेसर्स हैवेल्स लिमिटेड, मेसर्स अंबर लिमिटेड, मेसर्स डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड और मेसर्स एडीटेक लिमिटेड सहित कई अन्य प्रमुख कंपनियों को आशय पत्र (एलओआई) पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
बैठक में सेमी-कंडक्टर पार्क के निर्माण, जिसमें भारत सरकार द्वारा दो प्रमुख कंपनियों को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में सेमी-कंडक्टर विनिर्माण का तीसरा स्थल बनेगा।
बैठक में मंत्री जी ने फिनटेक सिटी की स्थापना की योजना पर भी चर्चा की, जिसमें विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों के साथ स्टेक होल्डर मीटिंग आयोजित की जाएगी।
आखिर में, मंत्री नन्दी ने कहा, “हमारा उद्देश्य क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करना है। हमारी सभी योजनाएं स्थानीय लोगों के लिए लाभकारी साबित होंगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम योजनाओं को समय पर पूरा करें।”