आशु भटनागर। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के यीडा क्षेत्र में पतंजलि ग्रुप अपने मेगा फूड पार्क में डेयरी एग्रो पार्क के साथ देश के सबसे बड़े बिस्किट प्लांट को जल्द ही शुरू करने जा रहा है । इस प्लांट को लेकर सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं । अगले तीन माह में यहां पर प्लांट फंक्शल कर प्रोडक्शन शुरू कर दिया जाएगा । मेगा फूड पार्क के हेड खगेश कुमार के अनुसार इस प्लांट में पहले चरण में चार लाइनों को शुरू किया जा रहा है जिसमें लगभग 6000 लोग प्रतिदिन 1000 टन बिस्किट का उत्पादन करेंगे । जानकारी के अनुसार 7 सितंबर 2026 तक पतंजलि फूड पार्क पूर्ण क्षमता से काम करना शुरू कर देगा। जिसके प्रथम चरण को सितंबर 2025 से शुरू किया जा रहा है । दुसरे चरण के लिए भी जुलाई 2025 से कार्य आरम्भ हो रहा है
पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट (Patanjali Yogpeeth) की इकाई है जिसके माध्यम से स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण और स्वदेशी की विचारधारा पर कार्य होता है। बाबा रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर एक दशक पहले फूड एवं हर्बल पार्क की नींव रखी थी। बाबा रामदेव धीरे-धीरे पूरे भारत में पतंजलि फूड हर्बल पार्क कई इकाइयां स्थापित करने के लिए अग्रसर है। इस पार्क का उद्देश्य लोगों को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध कराना और स्वदेशी का विकल्प देना है। इस पार्क का एक मुख्य उद्देश्य कृषि क्रान्ति भी है।
बिस्कुट के निर्माण में लागत को कम करने के लिए पतंजलि प्लांट में ही फ्लोर मिल भी लग रही है ताकि बिस्कुट में निर्माण होने वाले आटे और अन्य चीजों के लिए को प्लांट तक लाने में लागत में बचत की जा सके ।1,600 करोड़ रुपए निवेश से 430 एकड़ जमीन में बनने वाले इस फूड पार्क को पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क नोएडा प्राइवेट लिमिटेड (Patanjali Food & Herbal Park Noida Private Limited) बना रहा है ।

इसमें सबसे पहले पतंजलि बिस्किट प्लांट को शुरू करेगी इसके बाद एग्रो पार्क और डेयरी को भी शुरू किया जाएगा जिसमें 10 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता की डेयरी स्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है। स्थानीय पशुपालकों को इससे जोड़ने के लिए इस क्षेत्र के आसपास के गांव का क्लस्टर बनाया जाएगा, जिसमें 100 से भी ज्यादा कलेक्शन सेंटर बनाए जाने पर कार्य चल रहा है। यहां पर चिलर प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है जिसमें चीज पनीर और दूध के उत्पादों को रखा जाएगा इसके साथ ही एग्रो पार्क में स्थानीय अमरुद बेल आमला सहित अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात भी किया जाएगा।
पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क में 1,600 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलेगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘इन्वेस्ट यूपी’ मिशन के अनुरूप है। पूरी तरह से कार्यशील होने पर, इस परियोजना से 6,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा।
आचार्य बालकृष्ण, प्रबंध निदेशक पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड
यीडा क्षेत्र के सेक्टर 24 में बन रहे इस फ़ूड पार्क के निकट ही सितम्बर में ही देश के सबसे बड़े कार्गो एयरपोर्ट “नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट” (Noida International Airport) के भी आरम्भ होने की सम्भावना है जिससे पतंजलि के लिए यहाँ से अपने प्रोडक्ट को देश और विदेशो तक पहुंचा आसान हो जाएगा।
मेगा पार्क में पतंजलि दे रहा लोगों को नए स्टार्टअप और साथ जुड़ने का बड़ा अवसर
देश की राजधानी दिल्ली के करीब यमुना एक्सप्रेस- वे के समीप 430 एकड़ में बनने जा रहे हैं इस मेगा फूड पार्क में पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क नोएडा प्राइवेट लिमिटेड न सिर्फ स्वयं से बड़े उत्पादन की तैयारी कर रहा है बल्कि इसमें देश के उद्यमियों और नए स्टार्टअप को साथ जोड़ने का मौका भी दे रहा है । जानकारी के अनुसार पतंजलि मेगा फूड पार्क के 23 एकड़ में भूमि पर मध्यम आकार के उद्योगों को सबलीज के जरिए स्थान और पतंजलि के साथ आगे बढ़ने का मौका भी दे रहा है ।
सेक्टर-24 में पतंजलि हर्बल पार्क और पतंजलि फूड के 234 भूखंडों के आवंटन के लिए एक कमेटी गठित की गई है। जो इसके लिए आने वाले आवेदनों की मॉनीटरिंग करेगी। कमेटी के अध्यक्ष प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। जो भूखंड आवंटित किए जाएंगे उनमें आवंटियों को केवल फूड प्रोसेसिंग यूनिट और इसे जुड़ी यूनिट लगाने की ही अनुमति होगी। इनमे हर्बल, मेडिसिन, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स सहित जन-उपयोगी सामान निर्मित किया जाएगा
प्रवक्ता, यमुना प्राधिकरण

पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क नोएडा प्राइवेट लिमिटेड के बिस्कुट प्लांट का काम देख रहे और प्रवक्ता खगेश कुमार के अनुसार 23 एकड़ में 300, 500 और 1000 एकड़ के लगभग 234 प्लॉट बनाए गए हैं जिनको सब लीज के जरिए पतंजलि के सहयोगी कंपनियों को यहीं पर कार्य करने की जगह दी जा रही है यह सभी पतंजलि के लिए सहायक कंपनियों की तरह काम करेंगे जिससे एफएमसीजी, आयुर्वेद, डेयरी और हर्बल उद्योगों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और स्थानीय स्तर पर औद्योगिक आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा। दावा है कि इन सहयोगी कंपनियों के साथ बाबा रामदेव जहां एक और नए स्टार्टअप्स और नए लोगों को आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं वहीं पतंजलि को इससे दूर दराज जाकर काम करवाने के कारण लागत को काम किया जा सकेगा । पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से दिए गए डीपीआर में 70000 लोगों को सीधे रोजगार के साथ यूपी, हरियाणा व उत्तराखंड के तीन लाख किसानों को इसका अपरोक्ष रूप से लाभ होगा।