यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण (YEIDA) के सेक्टर 28 स्थित महत्वाकांक्षी मेडिकल डिवाइसेज पार्क (MDP) में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और जी एन सिंह ने परियोजना की प्रगति का विस्तृत जायजा लिया, जो क्षेत्र में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) राकेश कुमार सिंह ने दोनों वरिष्ठ अधिकारियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें 350 एकड़ में विस्तारित इस परियोजना की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के सहयोग से यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित किया जा रहा यह मेडिकल डिवाइसेज पार्क देश का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

बैठक के दौरान, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह ने परियोजना की प्रगति का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अब तक कुल 89 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है, जो इस पार्क में निवेश के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। इन आवंटित भूखंडों में से 65 आवंटियों को चेकलिस्ट जारी की जा चुकी है, जबकि 47 आवंटियों द्वारा भूमि की रजिस्ट्री भी करवा ली गई है। निर्माण कार्य की दिशा में भी प्रगति देखने को मिली है, जिसमें 10 आवंटियों के बिल्डिंग मैप स्वीकृत हो चुके हैं और 7 कंपनियों ने अपने भूखंडों पर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस पर, मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने परियोजना विभाग को अगले 01 सप्ताह के भीतर सभी 89 आवंटियों के लीज प्लान तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि निर्माण गतिविधियों को और गति मिल सके।
मेडिकल डिवाइसेज पार्क में स्थापित की जा रही कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटीज़ की बिल्डिंग्स का कार्य भी अंतिम चरण में है, जो यहां आने वाली कंपनियों के लिए अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगी। श्री राकेश कुमार सिंह ने बैठक को अवगत कराया कि लीज डीड और कब्जा मिलने के बावजूद कुछ कंपनियों द्वारा अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है, जिस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन कंपनियों से उनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) के अनुसार कार्ययोजना मांगी गई है ताकि परियोजना के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके।
बैठक में अवनीश अवस्थी ने कार्यों के संबंध में जारी होने वाली रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) में एक प्री-बिड मीटिंग की व्यवस्था का प्रावधान प्राधिकरण स्तर से अवश्य किए जाने का निर्देश दिया। उनका मानना था कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाएगा और संभावित बोलीदाताओं को परियोजना की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
जी एन सिंह ने एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में मेडिकल डिवाइसेज पार्क प्रमोशनल कौंसिल के कार्यालय के साथ-साथ इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (IPC) और डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर (CDSCO) तथा स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को भी जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इस पहल से कंपनियों को विभिन्न लाइसेंसेज प्राप्त करने, डिवाइसेज सेफ्टी सर्टिफिकेट, आईएसओ सर्टिफिकेट और प्रशिक्षण में स्थानीय स्तर पर ही सहायता मिल सकेगी, जिससे उनका परिचालन सुगम होगा। बैठक में डॉ. अजय सचान (डिप्टी ड्रग कंट्रोलर), डॉ. सेल्वराजन (निदेशक व साइंटिफिक ऑफिसर, आईपीसी) तथा स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने भी प्रतिभाग किया, जो इस पहल की गंभीरता को दर्शाता है।
कई कंपनियों के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित रहे और उन्होंने अपने द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों के संबंध में जानकारी दी। मैसर्स कृष मेडिकोज के शरद जैन ने लोन की आवश्यकता के संबंध में अवगत कराया, जिस पर अवस्थी ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया कि आवंटियों को बैंक से लोन दिलाने में हर संभव सहायता की जाए। यह दर्शाता है कि सरकार और प्राधिकरण उद्यमियों को हर स्तर पर सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
परियोजना में निवेश के कुछ प्रमुख उदाहरण भी सामने आए। मेसर्स एवियंस बायोमेडिकल्स द्वारा 22 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जबकि मेसर्स स्योन मेड टेक द्वारा लगभग 80 करोड़ रुपये के निवेश से 80,000 वर्ग फुट में एक फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। स्योन मेड टेक की प्रौद्योगिकी संयुक्त राज्य अमेरिका से ली जा रही है, और उनके उत्पाद वर्तमान में 22 से अधिक देशों में निर्यात किए जा रहे हैं, जो इस पार्क की वैश्विक क्षमता को उजागर करता है।
अवस्थी ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 अगस्त तक इस परियोजना की प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाए। यह समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश है।
बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह सहित प्राधिकरण के अन्य वरिष्ठ अधिकारी यथा कपिल सिंह (अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी), शैलेंद्र भाटिया (विशेष कार्याधिकारी), शैलेंद्र कुमार सिंह (विशेष कार्याधिकारी), प्रवीण मित्तल (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, एमडीपी प्रमोशनल कौंसिल), राजेंद्र भाटी (महा प्रबंधक परियोजना), मेहराम सिंह (विशेष कार्याधिकारी), चीफ इंजीनियर यूपीपीसीएल, स्मिता सिंह (एजीएम), सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।