उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलकों में इन दिनों एक चर्चा ने सबसे अधिक सुर्खियाँ बटोरी हुई हैं – नए मुख्य सचिव की नियुक्ति। जहां सबकी नज़रे मुख्य सचिव के पद पर संभावित उम्मीदवारों पर टिकी हैं, वहीं एक और सवाल लोगों के मन में घूम रहा है: मुख्यमंत्री का नया प्रमुख सचिव कौन होगा?
राज्य के राजनीतिक गलियारों में अजय चौहान, अनुराग श्रीवास्तव, पार्थ सारथी सेन शर्मा और एम. देवराज जैसे नामों की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि नए मुख्य सचिव के चयन से पहले मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव का नाम भी जल्दी ही सामने आ सकता है।
मुख्य सचिव की नियुक्ति प्रदेश प्रशासन में बड़े बदलावों का संकेत देती है, लेकिन प्रमुख सचिव की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव उनके करीबी सहयोगियों में से एक होता है और उन्हें प्रशासनिक कार्यों में महत्वपूर्ण सलाह और समर्थन प्रदान करता है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल को प्रभावी बनाने के लिए किसी ऐसे प्रमुख सचिव का चयन करेंगे, जो प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ नीति निर्माण में उन्होंने नई दृष्टि को शामिल कर सके।
अजय चौहान ऐसे अधिकारियों में से एक माने जा रहे हैं जो विभिन्न विभागों में लंबा अनुभव रखते हैं। वहीं, अनुराग श्रीवास्तव की कार्यप्रणाली और प्रशासन में उनकी रणनीति को भी सराहा जा रहा है। पार्थ सारथी सेन शर्मा और एम. देवराज के नाम भी इसी वजह से चर्चा में हैं, क्योंकि इनका ट्रैक रिकॉर्ड प्रशासनिक सुधारों में काफी सकारात्मक रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि मुख्यमंत्री अगले हफ्ते इस संबंध में कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि वे किस अधिकारी पर भरोसा जताने जा रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि नए मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के चयन से उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक रणनीति में क्या बदलाव आते हैं। जिन अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं, उनमें से कौन चुना जाएगा, यह तो जल्द ही सामने आएगा, लेकिन यह निश्चित है कि ये नियुक्तियाँ राज्य की राजनीति और प्रशासन में नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।