जिले की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारी मेधा रूपम ने आज प्राथमिक विद्यालय मलकपुर और प्राथमिक विद्यालय सुत्याना का औचक निरीक्षण किया। यह दौरा शिक्षा के स्तर और विद्यालय परिसर की बुनियादी सुविधाओं की जांच हेतु किया गया।
मलकपुर विद्यालय का निरीक्षण करते हुए, जिलाधिकारी ने छात्रों से गणित और हिंदी विषयों के प्रश्न पूछे, ताकि वे उनकी शैक्षणिक प्रगति का मूल्यांकन कर सकें। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए।
इसके बाद, सुत्याना स्कूल का दौरा करते हुए मेधा रूपम ने वहां की शिक्षण व्यवस्था, स्वच्छता, पेयजल की उपलब्धता, शौचालयों की स्थिति, और छात्रों के बैठने की व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने संबंधित प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि वे सभी मूलभूत सुविधाओं को सुव्यवस्थित रखें और छात्रों की उपस्थिति पर भी नजर रखें।
जिलाधिकारी ने कहा, “छात्रों को निश्चित यूनिफार्म में उपस्थित होना चाहिए और नियमित कक्षाओं में भाग लेना अनिवार्य है।” उन्होंने अध्यापकों से अपेक्षा की कि वे समय पर विद्यालय पहुंचें और अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें।
इस निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने दो कर्मचारियों का वेतन काटने और दो अन्य के वेतन रोकने के निर्देश दिए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति हो।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षकगण भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी के इस औचक निरीक्षण ने स्थानीय निवासियों में शिक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाया, और इसके परिणामस्वरूप विद्यालयों की स्थिति में सुधार की उम्मीद पैदा की है।