ग्रेटर नोएडा के एक छात्र ने शुक्रवार रात को आत्महत्या कर ली, जिससे स्थानीय निवासियों में गहरा शोक और चिंता फैल गई है। मृतक की पहचान शिवम के रूप में हुई है, जो बिहार के मधुबनी जिले का निवासी था। शिवम एचएम आर हॉस्टल में रहकर बीटेक की पढ़ाई कर रहा था और पिछले कुछ समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।
शिवम ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्मघाती कदम उठाया। घटना के बाद, पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया और अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। नोट में लिखा है, “अगर आप यह पढ़ रहे हैं तो मैं मर चुका हूं। मैंने खुद से ही अपनी मौत का फैसला लिया है। इसमें किसी का हाथ नहीं है। मैं पिछले एक साल से ऐसा करने का सोच रहा था। यह दुनिया मेरे लिए नहीं है, मैं इसके लायक नहीं हूं। मैं बेकार हूं। कृपया पुलिस किसी को मेरी मौत के लिए हिरासत में न ले।”
शारदा यूनिवर्सिटी से अनुरोध है कि बाकी फीस मेरे माता-पिता को लौटा दें: शिवम
सुसाइड नोट में शिवम ने अपने माता-पिता को भी याद किया। उसने अपनी कॉलेज फीस वापस करने की मांग की और लिखा, “मेरे कॉलेज शारदा यूनिवर्सिटी से अनुरोध है कि जबसे मैं कॉलेज नहीं गया हूं, कृपया तबके बाद की फीस मेरे माता-पिता को वापस कर दें। मैं पिछले 2 साल से कॉलेज छोड़ चुका हूं। मैं एक अच्छा छात्र नहीं था। यह शिक्षा प्रणाली इसके लिए जिम्मेदार नहीं थी।” इसके अतिरिक्त, नोट में उसने अपने अंगों को दान करने की इच्छा भी व्यक्त की।
सूत्रों के अनुसार, शिवम पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में था। नॉलेज पार्क कोतवाली प्रभारी सर्वेश चंद्र ने कहा, “युवक के कमरे से मिले सुसाइड नोट में आत्महत्या करने की बात लिखी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीड़ित स्वजन को सूचना दे दी है।”
इस चौकाने वाली घटना ने न केवल शिवम के परिवार को बल्कि आस-पास के समुदाय को भी हिला दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत की आवश्यकता को दर्शाती हैं।