आशु भटनागर। हाल के दिनों में, देश के राजनीतिक गलियारों में एक महत्वपूर्ण प्रश्न गूंज रहा है – “अगला उपराष्ट्रपति कौन?” यह सवाल न केवल राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि भारतीयों के बीच भी इसे लेकर खासा उत्साह है। ऐसे में रविवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक की तैयारी की जा रही है, जिसमें नए उपराष्ट्रपति के नाम पर मुहर लगने की संभावना है।
भाजपा की संसदीय बोर्ड, पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई, की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, और अमित शाह जैसे प्रमुख नेताओं की उपस्थिति सुनिश्चित है। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर के नाम प्रेस में तब से चर्चा में हैं जब से पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया।
कौन हैं संभावित उम्मीदवार ?
कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, जो एक अनुभवी और वरिष्ठ नेता माने जाते हैं, को भाजपा का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। वहीं, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और सिक्किम के ओम माथुर भी इस रेस में पीछे नहीं हैं। भाजपा का मानना है कि उपराष्ट्रपति के पद पर नवागंतुक के लिए एक अनुभवी नेता का नाम सामने लाना फायदेमंद होगा।
बैठक के अन्य मुद्दे
इस बैठक में उपराष्ट्रपति के चयन के अलावा, भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और बिहार में मतदाता सूची के सघन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। नए उपराष्ट्रपति के नामांकन के लिए अंतिम तिथि 21 अगस्त है, और राजग नेताओं ने इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा को अधिकृत कर दिया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष की ओर से, यह संभावित है कि वह अपनी ओर से एक उम्मीदवार खड़ा कर सकता है, हालाँकि राजग के पास लोकसभा और राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत होने के कारण उपराष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया में कोई बड़ी समस्या उत्पन्न होने की संभावना नहीं है। फिर भी, 2022 के अनुभव के मद्देनजर, विपक्ष का सामने आना निश्चित ही एक रोमांचक मोड़ ला सकता है।
आंतरिक चुनाव प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति के चयन के अलावा भाजपा की संगठनात्मक संरचना के तहत, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में होना तय था, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। वर्तमान में, जेपी नड्डा के पास स्वास्थ्य, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, तथा राज्यसभा में सदन के नेता के रूप में कार्यभार का अतिरिक्त दबाव भी है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आवश्यक आधे से अधिक राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी भाजपा में तमाम चर्चाये होती रहती है।