गौतम बुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम का यमुना नदी से प्रभावित परिवारों के लिए स्थलीय निरीक्षण कीजिलाधिकारी मेधा रूपम ने आज यमुना नदी में बढ़े जलस्तर के चलते प्रभावित परिवारों के लिए जिला प्रशासन द्वारा संचालित व्यवस्थाओं का गहन स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ इस निरीक्षण में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार, उप जिलाधिकारी सदर आशुतोष गुप्ता, तहसीलदार सदर प्रतीक चौहान, और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।
जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम सदर तहसील के सेक्टर-135 में बनाए गए शरणालय का दौरा किया। यहां उन्होंने उपलब्ध कराए गए खानपान, आवास, स्वच्छता, पेयजल, शौचालय एवं चिकित्सा सुविधाओं का विस्तृत जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मेधा रूपम ने प्रभावित परिवारों से भी बातचीत की और उनके अनुभवों को सुना। प्रभावित परिवारों का कहना था कि व्यवस्था संतोषजनक है, जिससे उन्हें काफी राहत मिली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिलाधिकारी ने वहां संचालित पाठशाला के बच्चों के साथ संवाद किया और उन्हें पठन-पाठन के लिए आवश्यक सामग्रियां वितरित कीं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पाठशाला का संचालन नियमित रूप से जारी रहे और बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा न आए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित करने के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी निर्देशित किया कि शरणालय में रह रहे सभी लोगों के स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा, “सुरक्षित स्थान पर जाकर सभी प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मैं चाहती हूं कि आप सभी शरणालय में शिफ्ट होने के लिए तत्पर रहें, ताकि आप सभी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।” उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से यह भी कहा कि किसी भी प्रभावित परिवार को कोई असुविधा न हो और सभी व्यवस्थाएं सतत रूप से कार्यरत रहें।
इसके बाद, जिलाधिकारी ने सेक्टर-135 में स्थापित अस्थायी गौशाला का भी निरीक्षण किया। यहां चारा-पानी, स्वच्छता, पशु चिकित्सा तथा अन्य आवश्यक सुविधाओं का अवलोकन किया गया। उन्होंने पाया कि पशुओं के लिए सभी सुविधाएं संतोषजनक और व्यवस्थित हैं।
अंत में, मेधा रूपम ने पुस्ता रोड, सेक्टर-150 का दौरा किया और वहां असुरक्षित रूप से टेंट लगाकर रह रहे परिवारों को प्रशासन की सहायता के बारे में सूचना दी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे परिवारों को शरणालयों में स्थानांतरित होने के लिए प्रेरित करें।
संचार के इस दौर में जिलाधिकारी के प्रयासों को स्थानीय समुदाय ने सराहा, और प्रभावित परिवारों ने उनकी व्यवस्था घटित करने की कोशिशों की तारीफ की। द्वितीयक स्तर पर, उन्होंने अधिकारियों को नियमित निगरानी और आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के कार्य में किसी भी प्रकार की कमी बर्दाश्त न करने का निर्देश दिया।