भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के प्रतिनिधिमंडल की आज नोएडा ऑथोरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री लोकेश एम. के कैंप कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में किसानों ने भूमि अधिग्रहण के संबंध में विभिन्न मांगें उठाईं, जिन्हें प्राधिकरण द्वारा गंभीरता से सुना गया।
किसानों ने मुख्य रूप से मुआवजे में वृद्धि की मांग की, जो भूमि अधिग्रहण के मामले में प्राधिकरण स्तर पर संचालित की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि प्रशासन के अगले बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, किसानों ने 5% के भूखंड के बदले ₹22,000 प्रति वर्ग मीटर मुआवजे की जगह इस राशि को बढ़ाकर ₹75,000 प्रति वर्ग मीटर करने की मांग उठाई। इस संबंध में प्राधिकरण स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी, जो इस बढ़ोतरी पर विचार करेगी कि यह राशि किस स्तर तक बढ़ाई जा सकती है।
किसानों की तीसरी मांग थी कि जिन किसानों ने पूर्ण मुआवजा स्वीकार किया है, उन्हें 10% मुआवजा वापस जमा करने पर 5% के विकसित भूखंड प्रदान करने की पात्रता दी जाए। इस मांग को लेकर प्राधिकरण ने बताया कि पूर्व में हुई बोर्ड बैठकों में इस मामले पर विचार किया जाएगा।
एक और प्रमुख मांग थी कि वर्ष 1976 से 1997 तक अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को किसान कोटा के प्लॉट प्रदान किए जाएं। इस पर प्राधिकरण ने आश्वासन दिया कि जल्द ही ड्रा के माध्यम से किस कोटे के प्लॉट वितरित किए जाएंगे।
बैठक में भारतीय किसान परिषद की एक महत्वपूर्ण जीत की भी चर्चा हुई, जब 12 सितंबर 2025 को ग्राम सौरखा में किसानों पर हुए लाठी चार्ज के मुख्य संचालक वरिष्ठ प्रबंधक के.वी. सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया है। यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि भारतीय किसान परिषद किसानों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ अपनी पैरवी जारी रखेगी और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।