धीरे धीरे खुलने लगे हैं भूटानी बिल्डर और सीबीएस इंटरनेशनल के सारे राज, मीडिया में अब अल्फ़ाथम प्रोजेक्ट की बुनियाद पर उठने लगा प्रश्न, लोगो में चर्चा कि कहीं फिल्म सिटी का हाल भी नोएडा के चर्चित असफल प्रोजेक्ट स्पोर्ट्स सिटी जैसा ना हो जाए।

NCR Khabar Internet Desk
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हाल ही में हुई एक जांच में प्रसिद्ध अल्फ़ाथम प्रोजेक्ट के संबंध में कई गंभीर आरोप सामने आए हैं। पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि दिल्ली में स्थित एनडब्ल्यूडी एंड सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की अधिकारी साक्षी बुद्धि राजा ने भूटानी इंफ्रा ,सीबीएसई इंटरनेशनल और उनके प्रतिनिधि पर 1.62 करोड रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए थाना सेक्टर 142 में मुकदमा दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि मामले में भूटानी इंफ्रा के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर प्रेम भूटानी के अलावा गौरव शर्मा, संजय रस्तोगी, आदित्य राज सक्सेना, नमन ,नसीम, साक्षी, माधुरी ,राजेश टंडन ,अमित, अनुराधा शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।इसके बाद धीरे धीरे भूटानी बिल्डर और सीबीएस इंटरनेशनल द्वारा इस प्रोजेक्ट में की गई अनियमितताओं और धोखाधड़ी की खामियां उजागर हो रही हैं, जो स्थानीय निवासियों और निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

एक टीवी चैनल में आई जानकारी के अनुसार अल्फ़ाथम प्रोजेक्ट को नोएडा भवन नियमावली 2010 के तहत ग्राउंड फ्लोर से 26 फ्लोर तक की अनुमति प्राप्त थी। जबकि इसके आधार पर सीबीएस इंटरनेशनल ने अवैध रूप से 29 फ्लोर तक निर्माण किया है। यह पाया गया कि अपर ग्राउंड फ्लोर बनाने की अनुमति नहीं थी, फिर भी इस फ्लोर का निर्माण किया गया, जिससे प्रोजेक्ट की वैधता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, सीबीएस इंटरनेशनल ने इस प्रोजेक्ट के लिए भूटानी ग्रुप के साथ एक अनुबंध किया था, जिसके तहत ग्राउंड फ्लोर से 3 फ्लोर तक सीबीएस के पास स्वामित्व रहेगा, जबकि इसके बाद के 26 फ्लोर का स्वामित्व भूटानी ग्रुप के पास होगा। लेकिन इस समझौते से जुड़े दस्तावेजों में भी कई विसंगतियाँ पाई गई हैं।

निवेशकों से करोड़ों रुपये जुटाने के मामले में सीबीएस इंटरनेशनल पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी पेपर तैयार कर धोखाधड़ी की। इस संबंध में एक शिकायतकर्ता ने 2024 में सीबीएस के खिलाफ FIR दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी ने निवेशकों से पैसे वसूलने के लिए झूठे वादे किए।

इस मामले की जांच के दौरान यह भी सामने आया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ सीबीएस द्वारा आधा दर्जन से ज्यादा फर्जी FIR दर्ज कराई गई थीं, जिससे दबाव बनाने का प्रयास किया गया। प्रधिकरण ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सीबीएस इंटरनेशनल को छह नोटिस जारी किए हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस मामले में अधिकतम पारदर्शिता के साथ कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और निवेशक के साथ ऐसा न हो सके।

वर्तमान में नोएडा प्रशासन तथा स्थानीय प्राधिकृत एजेंसियों ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। स्थानीय निवासी और निवेशक इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या सीबीएस इंटरनेशनल और भूटानी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिससे उन्हें न्याय मिल सके।

भूटानी के अल्फ़ाथम प्रोजेक्ट में आ रहे ऐसे समाचार न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि पूरे नोएडा क्षेत्र ही नहीं उत्तरप्रदेश सरकार के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में उभर रही हैं। दरअसल भूटानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी के 231 एकड़ में बन रही फिल्मसिटी में विकासकर्ता कम्पनी बेव्यू के साथ पार्टनर भी है और अगर भूटानी को लेकर ऐसे ही धोखाघडी के मामले सामने आते रहे तो निश्चित तोर पर फिल्मसिटी में होने वाले विकास के दावों पर भी प्रश्न उठने लगेंगे I देखा जाए तो घोषणा के एक वर्ष बाद भी फिल्मसिटी के शिलान्यास पर अभी तक कोई स्पस्ट सुचना नहीं है लोगो में चर्चा है कि कहीं फिल्म सिटी का हाल भी नोएडा के चर्चित असफल प्रोजेक्ट स्पोर्ट्स सिटी जैसा ना हो जाए।

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