उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के दादरी स्थित सैथली गांव में नाली के पानी की निकासी को लेकर हुए विवाद के चलते दो व्यक्तियों की हत्या ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है। दीपावली के दिन हुई इस घटना में चाचा अजयपाल भाटी और उनके भतीजे दीपांशु की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद से गांव में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई है और हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है।
हत्यारोपियों के खिलाफ पुलिस की दबिश
पुलिस ने जानकारी प्रदान की है कि हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया गया है। इनमें गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद और मेरठ समेत अन्य स्थानों पर दबिश दी जा रही है। मीडिया को दिए एसीपी दादरी, अजीत कुमार के बयां के अनुसार हमें हत्यारोपियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है और हम जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे।

घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने गांव में सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए तथ्यों को एकत्रित करना शुरू किया। इस दौरान कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है। उधर, पीड़ित परिवार ने भी न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस कमिश्नर से मिलने का निर्णय लिया है।
क्या हुआ था सैथली गांव में
सैथली गांव में नाली के पानी की निकासी को लेकर हुए विवाद ने एक गंभीर मोड़ ले लिया जब अजयपाल और दीपांशु पर बदमाशों ने गोलियां चलाईं। इस घटना में अजयपाल का आठ वर्षीय पोता भी घायल हो गया, साथ ही दो पड़ोसी सत्यपाल और राजीव भी शूटिंग में जख्मी हुए। पुलिस ने आरोपियों प्रिंस भाटी, जितेंद्र, बोबी तोंगड़, और मनोज नागर के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है।

घटना के कारण पीड़ित परिवार में कोहराम मच गया है। दीपांशु की बड़ी बहन की शादी 2 नवंबर और खुद दीपांशु की शादी 26 नवंबर को तय थी, लेकिन इस घटना ने न केवल उनके सपनों को तोड़ा, बल्कि परिवार की खुशियों को एक पल में शोक में बदल दिया। परिवार के सदस्यों पर संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील बन गई है।
अजयपाल, जो हाल ही में सीआईएसएफ से सेवानिवृत हुए थे, और उनका परिवार केवल दीपावली मनाने के लिए पैतृक गांव आया था। इस हृदयविदारक घटना ने दर्शाया है कि किस प्रकार एक साधारण विवाद भी किसी के लिए जानलेवा बन सकता है।
ग्रामीणों में दहशत और पुलिस की तैनाती
घटना के बाद से ग्रामीणों में भय का माहौल है। गांव में पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है।
ग्रामीणों का मानना है कि ऐसी घटनाएं स्थायी चिंता का विषय बन गई हैं और उन्हें अपने जीवन की सुरक्षा को लेकर संदेह है। इसी नाते उन्होंने पुलिस कमिश्नर से भी मुलाकात करने का निर्णय लिया है ताकि उनके साथ न्याय हो सके।
दादरी की इस घटना ने न केवल गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट में क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज में तनाव को बढ़ाने वाले मुद्दों को अधिक गहराई से समझने और हल करने की आवश्यकता है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे शीघ्रता से हत्यारोपियों को न्याय के कटघरे में लाए और पीड़ित परिवार को उचित न्याय दिलाए, ताकि समाज में पुनः विश्वास का माहौल स्थापित हो सके।


