उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश के 22 रियल एस्टेट प्रोजेक्टों को अपनी आस्थगन सूची (Deferred List) से बाहर कर दिया है। इस कदम से इन प्रोजेक्टों में अटके 8856 फ्लैटों के निर्माण और खरीद-फरोख्त का रास्ता साफ हो गया है, जिससे हजारों घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
यूपी रेरा द्वारा आस्थगन सूची से हटाए गए इन 22 प्रोजेक्टों में से 6 नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के हैं, जिनमें अकेले 5663 फ्लैट शामिल हैं। यह निर्णय यूपी रेरा की 152वीं बैठक में लिया गया, जिसके बाद इन परियोजनाओं पर लगी सभी तरह की रोक हटा दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि ये प्रोजेक्ट पहले ‘आस्थगन सूची’ में इसलिए रखे गए थे क्योंकि यूपी रेरा के पास उनसे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे जमीन के कागजात और स्वीकृत नक्शे (OC-CC), पोर्टल पर उपलब्ध नहीं थे। हाल ही में यूपी रेरा ने बिल्डरों को अपनी जानकारी संशोधित करने और लापता दस्तावेज जमा करने का अवसर दिया था। इन 22 प्रोजेक्टों के बिल्डरों ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए सभी आवश्यक जानकारी और कागजात जमा कर दिए, जिसके बाद प्राधिकरण ने इन्हें सूची से बाहर करने का फैसला किया।
यूपी रेरा में वर्तमान में कुल 4036 प्रोजेक्ट पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 400 प्रोजेक्ट ऐसे थे जिन्हें अपूर्ण जानकारी के कारण आस्थगन सूची में डाला गया था। इन परियोजनाओं की जमीन और स्वीकृत नक्शे की जानकारी यूपी रेरा पोर्टल पर अपलोड नहीं थी, जिससे खरीदारों और नियामक दोनों के लिए पारदर्शिता का अभाव था।

हर तीन माह में देनी होगी रिपोर्ट अब इन बिल्डरों को हर तीन महीने और वार्षिक रिपोर्ट यूपी रेरा को जमा करनी होगी, जिसके आधार पर प्राधिकरण इन प्रोजेक्टों की प्रगति पर कड़ी निगरानी रख सकेगा। आस्थगन सूची में रहने के दौरान इन प्रोजेक्टों में किसी भी तरह के लेन-देन या निर्माण गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक थी, जिससे इन पर काम रुका हुआ था। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि सभी 8856 फ्लैट पहले से तैयार हैं या इनका निर्माण अभी होना बाकी है। यदि निर्माण अधूरा है, तो बिल्डर अब काम शुरू कर सकेंगे।
यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के साथ-साथ उन हजारों घर खरीदारों के लिए आशा की किरण लेकर आया है जो अपने सपनों के घर का इंतजार कर रहे थे।


