बहुचर्चित निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के बाद कोली को मामले के अंतिम केस में भी बरी कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कोली की तत्काल रिहाई के आदेश दिए थे।
हालांकि, रिहाई परवाना जेल तक पहुंचने में देरी के कारण कोली को बीते मंगलवार को रिहा नहीं किया जा सका था। लुक्सर स्थित जेल प्रशासन को शाम तक परवाना प्राप्त नहीं हो पाया था।

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला:
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने निठारी कांड से जुड़े आखिरी मामले में सुरेंद्र कोली को बरी करते हुए उसकी तुरंत रिहाई का आदेश दिया था। कोली वर्ष 2006 में निठारी प्रकरण के खुलासे के बाद से ही कानूनी लड़ाई लड़ रहा था। वह करीब दो वर्षों से गौतमबुद्धनगर जिला जेल में बंद था, जिसे अन्य कैदियों के साथ गाजियाबाद की डासना जेल से लुक्सर की जेल में स्थानांतरित किया गया था।

निठारी कांड का इतिहास:
यह घटना वर्ष 2006 में तब सुर्खियों में आई थी जब नोएडा के निठारी गांव में कई बच्चों के कंकाल मिले थे। इस वीभत्स घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पुलिस ने इस मामले में मनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर आरोपी बनाया था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में मनिंदर सिंह पंढेर को भी निठारी कांड के सभी मामलों से बरी कर दिया गया था। सुरेंद्र कोली की रिहाई के साथ ही निठारी हत्याकांड से जुड़े मुख्य आरोपियों को न्यायपालिका द्वारा बरी कर दिया गया है, हालांकि इस घटना की भयावहता आज भी लोगों के जहन में अपनी जगह बनाए हुए है।


