गुरुग्राम के उद्योग विहार फेस–3 स्थित मल्टीनेशनल कंपनी टेलीपरफॉर्मेंस (Teleperformance) विवादों में है। कंपनी पर रात्रिकालीन ड्यूटी करने वाली एक युवती को आधी रात में, बिना किसी पूर्व सूचना या कारण बताओ नोटिस के, जबरन रेज़िग्नेशन लिखवाकर नौकरी से निकालने का गंभीर आरोप लगा है। यह पूरी घटना तब हुई, जब युवती ने कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई कैब के ड्राइवर के अभद्र व्यवहार की शिकायत की थी।
असम के सिलचर निवासी एक हिंदी पत्रकार दंपति की बेटी अनामिका (परिवर्तित नाम) पिछले कई महीनों से यहां नाइट शिफ्ट में अपनी सेवाएं दे रही थी। युवती का आरोप है कि कंपनी ने दोषी ड्राइवर पर कार्रवाई करने के बजाय, उसे ही निशाना बनाया और अत्यंत अमानवीय तरीके से निकाला।

कैब लेट हुई, ड्राइवर ने किया अभद्रता
पूरा मामला पिछले शुक्रवार को शुरू हुआ, जब अनामिका अपनी नाइट ड्यूटी के लिए जा रही थी। जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक जाम के चलते कंपनी की ओर से भेजी जाने वाली कैब देवली मोड़ पर लेट हो गई। युवती ने ड्राइवर को 5 मिनट इंतजार करने को कहा, लेकिन ड्राइवर बिना रुके आगे बढ़ गया।
अनामिका ने जब दोबारा ड्राइवर से संपर्क किया तो ड्राइवर ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उसे पिकअप प्वाइंट से दूर, खानपुर आने को कहा। युवती का कहना है कि रात के समय जोखिम उठाते हुए वह खानपुर पहुंची, लेकिन वहां भी कैब नहीं मिली।

इस स्थिति में, अनामिका ने तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों और एचआर विभाग को फोन पर सूचना दी। कोई सहयोग न मिलने पर वह किसी तरह स्वयं ऑफिस पहुंची और रात में हुई पूरी घटना की विस्तृत लिखित शिकायत दी। अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, लेकिन यह आश्वासन महज दिखावा साबित हुआ।
न्याय के लिए PMO और महिला आयोग से गुहार
टेलीपरफॉर्मेंस के इस कथित मनमाने रवैये से पीड़ित अनामिका ने अब न्याय के लिए उच्चाधिकारियों का दरवाज़ा खटखटाया है। उसने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), केंद्रीय श्रम मंत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और कंपनी के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है।
अपनी शिकायत में पीडिता ने ये दावा किया कि कथित रूप से दोषी ड्राइवर पर कोई कदम उठाने के बजाय, गुरुवार की देर रात कंपनी ने अचानक अनामिका को टर्मिनेट करने का फरमान सुना दिया। कंपनी ने इस कार्रवाई के लिए उसकी पुरानी छोटी-मोटी गलतियों का हवाला दिया, जबकि अनामिका लगातार अपना दायित्व निभा रही थी और उसने दिवाली के दिन भी छुट्टी नहीं ली थी।
सबसे गंभीर और नियम विरुद्ध हिस्सा रात 12 बजे सामने आया। युवती के अनुसार, बिना किसी पूर्व नोटिस, चेतावनी या कारण बताओ पत्र के—कार्य अवधि के बीच में—उसे एचआर अधिकारियों ने जबरन रेज़िग्नेशन लेटर लिखवाया और तत्काल ऑफिस से बाहर कर दिया गया।
युवती ने कंपनी के इस व्यवहार को ‘मानसिक प्रताड़ना’ करार दिया है। उसका कहना है कि एक ओर सरकार नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर टेलीपरफॉर्मेंस जैसी बड़ी कंपनियां सुरक्षा के मुद्दे को उठाने वाली महिला कर्मचारियों के साथ ऐसा बर्ताव कर रही हैं।
वहीं इस पुरे प्रकरण पर गुरु ग्राम कि कम्पनी से पक्ष जान्ने के लिए संपर्क किया जा रहा है, यदि टेलीपरफॉर्मेंस कम्पनी की और से कोई भी जानकारी या प्रतिक्रिया इस पुरे प्रकरण पर दी जाती है तो उसको भी आगे प्रकाशित किया जाएगा


