गौतम बुध नगर के गुलिस्तानपुर में एक अवैध कॉलोनी इंद्रलोकपुरम की शिकायत से शुरू हुआ मामला अब नए नाटकीय मोड पर पहुंच गया है । एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार जिस शिकायतकर्ता गजेंदर सिंह चौहान के नाम पर इंद्रलोकपुरम कालोनी को अवैध रूप से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में बनाए जाने के दावे किए गए थे । अब इस शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को शपथ पत्र दिया है कि गरगज के बारे में गांव के कुछ लोगों ने दुष्प्रचार के लिए उनके नाम से मनगढ़ंत शिकायत मीडिया में प्रसारित की है ।
जबकि चर्चा है कि इस पूरे प्रकरण पर शिकायत करने वाले गुलिस्तानपुर के निवासी चरण सिंह शर्मा है , जिन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जिला मजिस्ट्रेट पर लिखित शिकायत में आरोप लगाया था कि अधिसूचित भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है और इससे गांव की ऐतिहासिक धरोहर के लिए गंभीर खतरा है। ऐसे में गजेंदर चौहान के इस पत्र को लेकर क्या कोई नया भ्रम बनाया जा रहा है।

शिकायत संज्ञान में आने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन की टीम में जहां एक और इस भूमि की पैमाइश की है वहीं दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम ने बन रहे अवैध अतिक्रमण की कॉलोनी को तोड़ने का दावा किया है। जिसका वहां मौजूद लोगो ने विरोध भी किया ।
वहीं इसके बाद गौतम बुध नगर पुलिस ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी करते हुए अपनी कार्यवाही भी शुरू कर दी है। थाना सूरजपुर के उप निरीक्षक प्रताप चौधरी द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार प्रथम पक्ष चरण सिंह शर्मा, विनोद शर्मा,टीकम शर्मा के साथ द्वितीय पक्ष रविन्द्र नागर सुंदर शर्मा आजाद सिंह और मनीष भाटी के बीच जमीन को लेकर स्वामित्व और निर्माण को लेकर गंभीर तनाव बना हुआ है ऐसे में दोनों पक्षों से 50000 रूपए कि धनराशी को और सामान धनराशि की दो स्थानीय प्रतिभूतियों पर ६ माह के लिए पाबन्द करने के नोटिस दिए गए।


चर्चाएं इस बात की भी है कि मामला खुलते ही एएसआई की टीम भी गरगज का सर्वे को करके गई है इसके बाद एएसआई ही ने प्रशासन को ब्रिटिश कालीन धरोहर को संरक्षित करने के निर्देश दिए है । किंतु इन चर्चाओं की भी अभी तक कोई पुष्टि जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से नहीं हुई है दोनों ही जगह ऐसे किसी पत्र के प्राप्त होने से इनकार किया गया है।
ऐसे में प्रश्न यह है कि क्या गौतम बुध नगर जिला प्रशासन ब्रिटिश कालीन इस गरगज के संरक्षण की ठोस कोई योजना बना रहा है? क्या यहां पर गरगज के क्षेत्र और यहां से जा रही चकरोड के बारे में कोई जानकारी अभी तक जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निकाल पाया है।?
साथ ही यदि शिकायत करता चरण शर्मा एवं अन्य है तो फिर गजेंद्र सिंह चौहान के पत्र की इस पूरे प्रकरण में क्या भूमिका है या इस पत्र के जरिए प्राधिकरण और प्रशासन को अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही ना करने का मौका मिल गया है।


