संपादकीय : जो ई साइकिल नोएडा में असफल उसको ग्रेटर नोएडा में क्यों लाया जा रहा?

आशु भटनागर
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 144 सी बोर्ड बैठक में कई अच्छे प्रस्तावों के साथ ही एक ऐसे प्रस्ताव की मंजूरी दी गई है जो पहले ही नोएडा प्राधिकरण के गले की हड्डी बना हुआ है । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ई साइकिल को संचालित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी है प्राधिकरण के अनुसार इस बीओटी (बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर) के आधार पर संचालित किया जाएगा। संबंधित कंपनी को अलग-अलग जगह पर 25 वर्ग मीटर की जगह उपलब्ध कराई जाएगी ।

किंतु प्रश्न यह है कि इसी तर्ज पर बने इस साइकलिंग प्रोजेक्ट की स्थिति नोएडा में आज तक सफल नहीं हो पाई है नोएडा में भी आरंभ में ई साइकिल स्टैंड बनाने से लेकर आई। ई साइकिल लगाने की जिम्मेदारी ऑपरेटर की थी, किंतु धीरे-धीरे कुछ जगह स्टैंड तो बने फिर ऑपरेटर ने व्यावहारिक दिक्कतों के चलते प्रोजेक्ट से दूर भागना शुरू कर दिया। बाज़ार में मॉडल के आधार पर उनकी अनुमानित कीमत रेंज ₹ 30,000 से ₹ 10 लाख के बीच है ऐसे में खर्च निकालने के नाम पर ऑपरेटर ने विज्ञापनों की अनुमति मांगी और अंततः ई साइकिल परियोजना एक असफल परियोजना के रूप में हुई जहां वर्तमान में बने हुए स्टैंड्स पर साइकिल नहीं कारों की पार्किंग हो रही है । तीन क्लस्टरों में 54 सरफेस पार्किंग स्थल संचालित करने वाले तीन ठेकेदारों पर नोएडा प्राधिकरण का 23,177,460 रुपये बकाया है।

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क्लस्टरपार्किंग ठेकेदारलाइसेंस शुल्कटीडीएसकुल बकाया
क्लस्टर एकराजेंद्र सिंह68915630123321970148849
क्लस्टर तीनराजेंद्र सिंह1024764541844481104320935
क्लस्टर पाँचकृष्ण गोपाल सीनियर56280711102410857304819

(नोट: सभी पार्किंग ठेकेदारों को एनटीसी द्वारा 1 जनवरी, 2020 से 30 नवंबर, 2022 तक देयता नोटिस जारी किए गए थे।)

नोएडा के असफल ई  साइकिलिंग प्रोजेक्ट पर एनसीआर खबर समेत सभी समाचार पत्रों में छापने के बाद उसको ई साइकलिंग से ई बाइक लगाने की की चर्चाएं की गई, किंतु आज तक इस प्रोजेक्ट पर सिर्फ बातें हो रही है ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि जो परियोजना आज तक नोएडा में सफल नहीं हो पाई है उसको ग्रेटर नोएडा में किस आधार पर सोचा गया है । क्या एक बार फिर से नोएडा में असफल कंपनी के लोग नाम बदलकर ग्रेटर नोएडा में आने का प्रयास कर रहे हैं?

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नोएडा के अनुभव के विपरीत अगर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन जी रवि कुमार अगर इसे लाना ही चाहते है तो उन्हें यह तय करना होगा इस परियोजना में व्यवहारिक समस्याओं को ध्यान में रखा जाए । महत्वपूर्ण यह है कि ई साइकिल योजना ग्रेटर नोएडा के 130 मीटर वाले मुख्य मार्ग पर प्रतिबंधित हो और शहर के मुख्य मागो से सेक्टर में अंदर चलने के लिए ही अनुमति दी जाए। इसके साथ ही ई साइकिल के लिए मौजूदा मार्गों पर एक स्पष्ट मार्ग चिन्हित भी किए जाएं। साथ ही साइकिल को ट्रैक करने और लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए मुख्य मार्गो के साथ प्रत्येक सोसाइटी/ सेक्टर के बाहर समुचित स्टैंड भी पहले चरण से उपलब्ध हो ।

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आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे