ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में बहुचर्चित निक्की भाटी हत्याकांड मामले में कासना कोतवाली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोर्ट में 500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस जघन्य वारदात में निक्की भाटी को जलाकर मौत के घाट उतारने का आरोप उसके पति विपिन, जेठ रोहित, ससुर सत्यवीर और सास दया पर लगा है। पुलिस के अनुसार, सभी आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर इस निर्मम हत्या को अंजाम दिया है। इस विस्तृत आरोप पत्र के साथ, पुलिस ने मामले को सुलझाने और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
मामले की पृष्ठभूमि और जघन्य आरोप
यह मामला ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव की निक्की भाटी से जुड़ा है, जिसकी संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत हो गई थी। प्रारंभिक रिपोर्टों में इसे एक हादसा बताया गया था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, सच्चाई की परतें खुलने लगीं और मामला हत्या का निकला, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। निक्की की मौत के पीछे का असली कारण उसके सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने को लेकर परिवार में चल रहा विवाद बताया गया, जो अंततः उसकी हत्या का कारण बना।

पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र के मुताबिक, निक्की भाटी की जघन्य हत्या को उसकी सास दया और पति विपिन ने मिलकर अंजाम दिया था। चार्जशीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आरोपी निक्की के लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाने से नाखुश थे। पुलिस के अनुसार, परिवार के सदस्यों द्वारा बार-बार मना करने और टोकने के बावजूद जब निक्की ने वीडियो बनाना नहीं छोड़ा, तब आरोपियों ने इस वीभत्स वारदात को अंजाम देने की साजिश रची और उसे जलाकर मार डाला। इस घटना ने समाज में महिलाओं की आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
चार्जशीट की मुख्य बातें और आरोपियों पर आरोप
कासना कोतवाली पुलिस द्वारा दाखिल की गई 500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट विस्तृत जांच और साक्ष्यों का परिणाम है। इसमें पति विपिन, जेठ रोहित, ससुर सत्यवीर और सास दया को आपराधिक षड्यंत्र के तहत निक्की भाटी की हत्या का आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत इन सभी पर हत्या और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है। चार्जशीट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निक्की को जलाकर मारने की घटना में सास दया और पति विपिन की सीधी संलिप्तता थी, जबकि अन्य दो आरोपियों ने साजिश में भूमिका निभाई।

बचाव पक्ष और कानूनी लड़ाई
इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता दिनेश कुमार कल्सन ने बताया कि पुलिस ने अब चार्जशीट दाखिल कर दी है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि वे कोर्ट में आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कराने के साथ-साथ उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए मजबूती से कोर्ट में पक्ष रखेंगे। यह दर्शाता है कि अभियोजन पक्ष निक्की को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह कानूनी लड़ाई आने वाले समय में काफी लंबी और जटिल होने वाली है। वकीलों के दृढ़ संकल्प से यह उम्मीद जगती है कि मामले को गंभीरता से लड़ा जाएगा और सच सामने आएगा।
साक्ष्य और विवेचना का विवरण
पुलिस की विवेचना में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं और साक्ष्यों को शामिल किया गया है, जो मामले की सच्चाई को उजागर करते हैं।
अस्पताल मेमो की रिपोर्ट का खंडन: पुलिस ने विवेचना में अस्पताल की तरफ से मिले मेमो की रिपोर्ट को भी शामिल किया है, जिसमें निक्की के जलने का कारण सिलेंडर का फटना बताया गया था। हालांकि, गहन जांच और फॉरेंसिक रिपोर्टों ने इस शुरुआती दावे को खारिज कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि घटना कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी। यह शुरुआती भ्रम को दूर करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
घटनास्थल का निरीक्षण और नमूने: जांच टीम ने घटनास्थल, यानी निक्की के घर का बारीकी से मुआयना किया था। इसमें बिस्तर, रसोई, गैस चूल्हा और आंगन जैसे सभी महत्वपूर्ण स्थानों का गहन निरीक्षण किया गया। घटनास्थल से मिट्टी का नमूना, जले हुए कपड़े, थिनर की बोतल और एक लाइटर सहित अन्य संदिग्ध सामग्री को कब्जे में लिया गया था। इन सभी नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया, जिनकी रिपोर्ट ने पुलिस की हत्या की थ्योरी को और भी मजबूत किया है। थिनर की बोतल और लाइटर की बरामदगी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये आग लगाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण हैं।
डिजिटल साक्ष्य और सोशल मीडिया वीडियो: विवेचना में इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित निक्की के वीडियो को भी चार्जशीट में शामिल किया गया है। ये वीडियो न केवल आरोपियों के नाखुश होने के दावे को पुष्ट करते हैं, बल्कि निक्की के जीवन के अंतिम दिनों की गतिविधियों पर भी प्रकाश डालते हैं। ये वीडियो इस बात का भी प्रमाण हैं कि निक्की लगातार इंस्टाग्राम पर सक्रिय थी, जो कि आरोपियों के लिए कथित तौर पर असंतोष और गुस्से का प्रमुख कारण बनी। डिजिटल साक्ष्य आज के समय में अपराध की जांच में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इस मामले में भी इन्होने अहम सुराग दिए हैं।
समाज पर प्रभाव और न्याय की उम्मीद
निक्की भाटी हत्याकांड ने ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को स्तब्ध कर दिया है। यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे सामाजिक रूढ़िवादिता और परिवार के भीतर तनाव एक महिला के जीवन को समाप्त कर सकता है। सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने जैसी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर इस तरह की जघन्य वारदात समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। पुलिस का दावा है कि उनके पास आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और विस्तृत चार्जशीट इसका प्रमाण है। अब कोर्ट में गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे,


