ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हिमालया प्राइड सोसायटी में सोमवार को बड़ा संकट खड़ा हो गया, जब नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने बकाया बिजली बिल का भुगतान न होने पर सोसायटी की मेन सप्लाई काट दी। सोसायटी पर बिजली बिल के रूप में 37 लाख 36 हजार 231 रुपए का भारी भरकम बकाया था। बिजली कटते ही सोसायटी के लोगों में अफरा-तफरी और प्रबंधन के प्रति गहरी नाराजगी फैल गई।
सोमवार सुबह करीब साढ़े दस बजे एनपीसीएल की टीम ने यह कार्रवाई की। एनपीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि हिमालया प्राइड सोसायटी बिजली बिल का भुगतान करने में लगातार लापरवाही बरत रही थी। समय पर बिल जमा न करने के कारण सोसायटी को कई नोटिस भेजे गए थे, लेकिन नोटिसों को नजरअंदाज किया गया। लगातार बकाया बने रहने के कारण बिजली आपूर्ति काटने का कड़ा निर्णय लिया गया।

एनपीसीएल ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सोसायटी प्रबंधन संपूर्ण बकाया राशि जमा नहीं करता, तब तक बिजली सप्लाई बहाल नहीं की जाएगी। इस अचानक कटौती ने निवासियों की दैनिक जीवनचर्या और सुविधाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है।
निवासियों ने बिल्डर पर लगाए गंभीर आरोप
एक ओर जहां सोसायटी के लोग बिजली बहाल होने के लिए एनपीसीएल और प्रबंधन से समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर निवासियों ने बिल्डर और प्रबंधन पर गंभीर आर्थिक अनियमितता के आरोप लगाए हैं।

सोसायटी के निवासियों का आरोप है कि यह पहली बार नहीं है, जब उन्हें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले भी बिल्डर ने चार सौ से ज़्यादा निवासियों की बिजली एक झटके में काट दी थी और दो दिनों के भीतर लाखों रुपये जबरन वसूल किए थे। निवासियों का कहना है कि बकाया बिल के नाम पर जबरन वसूली का यह सिलसिला अब लगभग हर महीने दोहराया जाता है।
निवासियों ने आरोप लगाया कि गौतम बुद्ध नगर में बिल्डरों ने “अंधेर नगरी” जैसी स्थिति बना दी है। वे निवासियों से बिजली का पैसा तो ले लेते हैं, लेकिन उसे समय पर एनपीसीएल में जमा नहीं करते, जो सीधा-सीधा आर्थिक अपराध है। निवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बिल्डर द्वारा निवासियों के पैसे का दुरुपयोग करने के मामले में सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि उनकी दैनिक सुविधाएँ प्रभावित न हों। निवासियों ने जल्द से जल्द बिजली बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।


