जिला मनोरंजन विभाग (District Entertainment Department) ने बंद पड़े और घाटे में चल रहे सिनेमाघरों को उद्योग में वापस लाने के उद्देश्य से तैयार की गई राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को घोषणा की कि यह योजना न केवल पुराने सिनेमाघरों को आधुनिक बनाएगी, बल्कि संचालकों को करों में अभूतपूर्व राहत भी प्रदान करेगी।
योजना के तहत, बंद सिनेमाघरों को चालू करने पर उन्हें परिचालन के पहले दिन राज्य कर में 100 प्रतिशत की पूर्ण छूट मिलेगी।

आधुनिकीकरण के लिए कड़े नियम और बड़ी छूट
सहायक आयुक्त राज्य कर (Assistant Commissioner State Tax) ने बताया कि इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य उन सिनेमाघरों को पुनर्जीवित करना है जो लंबे समय से बंद चल रहे हैं या घाटे में हैं। हालांकि, छूट प्राप्त करने के लिए संचालकों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा:
सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि संचालकों को बंद हो चुके सिनेमा घरों की पुरानी संरचना को पूर्ण रूप से तोड़ना होगा। उसके स्थान पर, उन्हें आधुनिक सुविधाओं और तकनीक से युक्त एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण करना होगा, जिसमें फिल्म प्रदर्शन की सुविधा अनिवार्य होगी।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि योजना लागू होने की तिथि के बाद 5 साल के अंदर यह निर्माण कार्य पूरा करना अनिवार्य होगा। निर्माण पूरा होने के बाद, संचालकों को जिला प्रशासन से लाइसेंस प्राप्त कर फिल्मों का प्रदर्शन शुरू करना होगा।
कर में 5 साल तक की ऐतिहासिक रियायत
पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने माल एवं सेवाकर (GST) में बड़ी राशि का अनुदान देने का निर्णय लिया है।
पहले तीन साल: योजना के तहत, संचालकों को पहले तीन वर्षों में राज्य माल एवं सेवाकर (SGST) में 100 प्रतिशत धनराशि का अनुदान दिया जाएगा।
अगले दो साल: चौथे और पांचवें साल में यह अनुदान 75 प्रतिशत बनाए रखा जाएगा।
इस राजकोषीय सहायता का उद्देश्य संचालकों पर भवन निर्माण और शुरुआती परिचालन के दौरान पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करना है।
एकल पर्दे और आंतरिक बदलाव पर भी प्रोत्साहन
यह योजना केवल पूर्ण पुनर्निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि मौजूदा बंद भवनों में बदलाव लाने के लिए भी प्रोत्साहन देती है।
यदि कोई संचालक सिनेमाघरों के भवनों की आंतरिक संरचना में बदलाव या सुधार करता है, तो उसे 75 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, बंद पड़े एकल सिनेमा घरों (Single-Screen Cinemas) को दोबारा चालू करने पर 50 प्रतिशत की विशेष छूट दी जाएगी, ताकि पारंपरिक सिनेमा संस्कृति को बचाया जा सके।
जिला मनोरंजन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिनेमा घरों के लिए अन्य योजनाएं भी लागू की गई हैं, जो आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से संबंधित हैं। इच्छुक संचालकों को आवेदन करने पर इन अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा। यह कदम राज्य में फिल्म प्रदर्शन उद्योग को बढ़ावा देने और दर्शकों को आधुनिक सिनेमा अनुभव प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।



