गुलाबी सर्दी के आगमन और लगातार बढ़ते घने कोहरे के प्रकोप को देखते हुए, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी का मुख्य उद्देश्य कुहरे और धुंध के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना है।
जिलाधिकारी मेधा रूपम व अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार कुशल के निर्देशन में यह एडवाइजरी जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी द्वारा जारी की गई। इसमें वाहन चालकों को सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण और तकनीकी सुझाव दिए गए हैं।

वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय
जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने बताया कि सर्दी के मौसम में सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाना नितांत आवश्यक है। उन्होंने वाहन चालकों के लिए निम्नलिखित सुरक्षा टिप्स दिए हैं:
- फॉग लैम्प और वाइपर का उपयोग: वाहन चालकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गाड़ी के फॉग लैम्प सही कार्य कर रहे हों। यदि गाड़ी में फॉग लैम्प नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत फिक्स कराएं, क्योंकि धुंध के दौरान ये अत्यंत कारगर सिद्ध होते हैं। इसके साथ ही, विंडशील्ड वाइपर की रबड़ को भी चेक करें और खराब होने पर तुरंत बदलें, ताकि ओस या फॉग के दौरान विंडशील्ड को साफ रखा जा सके।
- टायर प्रेशर और डिफॉगर का इस्तेमाल: सलाह दी गई है कि सर्दी के मौसम में टायरों में प्रेशर ओवर नहीं होना चाहिए। ठंड में नमी के कारण सड़कें पूरी तरह सूखी नहीं होतीं। हवा ज्यादा होने पर अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी के स्किड होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, कार के रियर ग्लास पर आने वाले मॉयश्चर को हटाने के लिए डिफॉगर का इस्तेमाल अवश्य करें।
- इमरजेंसी इंडिकेटर से बचें, हेडलाइट का उपयोग करें: एक महत्वपूर्ण निर्देश में कहा गया है कि बारिश की तरह सर्दी के मौसम में भी वाहन चलाते समय इमरजेंसी इंडिकेटर (हज़ार्ड लाइट) ऑन करने से बचना चाहिए। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि गाड़ी मोड़ते समय आप इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते, जिससे पीछे से आ रहे वाहनों से दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। इसकी जगह हेडलाइट का इस्तेमाल करना चाहिए।
इंजन और बैटरी से जुड़े विशेष सुझाव
एडवाइजरी में वाहन के रखरखाव संबंधी भी विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं:

इंजन को गर्म होने दें: सर्दी के मौसम में कार स्टार्ट करते समय चालकों को 5 मिनट तक इंजन को गर्म होने देना चाहिए और इस दौरान एक्सीलेटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डीजल इंजन वाली गाड़ियों के लिए यह विशेष रूप से आवश्यक है।
बैटरी चार्जिंग: ऐसी कारें जिनकी बैटरी पुरानी हो चुकी है या जो दैनिक उपयोग में नहीं हैं, उनके चालकों को हर तीन दिन में कार को 5 से 6 किलोमीटर तक अवश्य चलाना चाहिए, ताकि बैटरी चार्ज बनी रहे।
केबिन के अंदर फॉग हटाने के लिए एसी का इस्तेमाल: अक्सर सर्दी में कार के अंदर फॉग या भाप जम जाती है। इसे हटाने के लिए हीटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि यह विंडशील्ड के मॉयश्चर को हटाने का सबसे बेहतर तरीका है कि एसी का इस्तेमाल किया जाए। यदि बाहर का तापमान 8 से 10 डिग्री है, तो एसी का तापमान 18 से 20 डिग्री तक सेट किया जा सकता है।
इसके अलावा, कार के अंदर फॉग की समस्या को कम करने के लिए एंटी-फॉगिंग स्प्रे, सिलिका जेल या चावल भरकर बनाई गई छोटी पोटली का इस्तेमाल भी कारगर सिद्ध होता है।
दुर्घटना टालने के लिए रेडियम रिफ्लेक्टर अनिवार्य: जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने अंत में यह भी बताया कि शीत लहर की स्थिति में सभी वाहनों पर रेडियम रिफ्लेक्टर/स्टीकर अवश्य लगाए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि आगे या पीछे से आ रहे वाहनों को आपकी गाड़ी दूर से ही दिख जाए और गंभीर दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
दो पहिया वाहन चालकों को विशेष सुझाव
दो पहिया वाहन चालकों को भी सर्दी के दौरान सुरक्षा उपायों जैसे हेल्मेट का अनिवार्य रूप से प्रयोग करनाए हेड लाइट व इन्डीकेटर सही रखना, आगे व पीछे प्लेट व वाइजर पर रेडियम रेफलेक्टर लगवाना तथा मोड़ पर वाहन एकदम धीमा करके दोनों तरफ देखकर ही मुड़ने एवं पर्याप्त मात्रा में ऊनी व गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।
जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से इन सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करने की अपील की है ताकि सुरक्षित यातायात सुनिश्चित किया जा सके।



