ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) की बहुप्रतीक्षित 39 औद्योगिक भूखंडों की योजना के तहत आवंटन प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। इन सीमित भूखंडों के लिए कुल 177 पात्र उद्योगों के बीच ई-नीलामी (E-Auction) 5 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। यह ई-नीलामी उच्च प्रतिस्पर्धा के बीच हो रही है, जहां प्रति भूखंड औसतन लगभग 4.5 आवेदक दावेदार हैं, जो ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक भूमि की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, पहले यह ई-नीलामी की प्रक्रिया 4 दिसंबर को पूरी होनी थी, लेकिन तकनीकी कारणों और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को देखते हुए प्राधिकरण ने इसमें संशोधन किया है। अब आवंटन की प्रक्रिया मंगलवार, 5 दिसंबर, 2023 को सुबह 11 बजे से शुरू होगी।

ई-नीलामी का मंच और प्रक्रिया
यह पूरी ई-नीलामी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India – SBI) के विशेष पोर्टल के माध्यम से संचालित की जाएगी, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। यह प्रक्रिया प्रातः 11 बजे शुरू होगी। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि यह नीलामी प्राधिकरण के लिए भारी राजस्व का एक स्रोत बनेगी, क्योंकि अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के कारण भूखंडों की बोलियां आरक्षित मूल्य (Reserve Price) से काफी ऊपर जाने की संभावना है।
प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ई-नीलामी की तारीख में किया गया संशोधन विशुद्ध रूप से तकनीकी कारणों से था, ताकि पूरी प्रक्रिया बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। हमने सुनिश्चित किया है कि सभी 177 पात्र आवेदक अपने निर्धारित समय पर नीलामी में भाग ले सकें।”

उच्च प्रतिस्पर्धा का गणित: 180 से 177 तक का सफर
प्राधिकरण ने इस औद्योगिक भूखंड योजना को इसी वर्ष की शुरुआत में लॉन्च किया था। यह योजना ग्रेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में स्थित भूखंडों के लिए लाई गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन करना था।
योजना के तहत आवेदन के लिए अंतिम तिथि 29 सितंबर तय की गई थी। अंतिम तिथि तक कुल 180 उद्योगों ने विभिन्न आकार के भूखंडों के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया था। आवेदन जमा होने के बाद, प्राधिकरण ने पात्रता और दस्तावेजों की जांच की गहन प्रक्रिया शुरू की।
दस्तावेजों की जांच के दौरान यह पाया गया कि 180 आवेदनों में से एक आवेदन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर रहा था, जिसके चलते उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, उस अयोग्य आवेदक सहित कुल तीन आवेदकों ने बाद में प्राधिकरण को लिखित में पत्र देकर अपनी जमा धनराशि (ईएमडी) वापस करने और अपने आवेदन को रद्द करने का अनुरोध किया।
इन तीन आवेदनों के वापस लेने के बाद, अब ई-नीलामी में शामिल होने वाले पात्र दावेदारों की अंतिम संख्या 177 रह गई है। इन 177 आवेदकों के बीच अब 39 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
औद्योगिक विकास पर जोर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार औद्योगिक और संस्थागत भूखंडों के आवंटन के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। प्राधिकरण के सीईओ एन जी रवि कुमार का मानना है कि ई-नीलामी के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, इन भूखंडों पर जल्द ही औद्योगिक इकाइयां स्थापित होनी शुरू हो जाएंगी।
यह आवंटन ग्रेटर नोएडा की रणनीतिक स्थिति और बेहतर कनेक्टिविटी (जैसे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और आगामी जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सफल आवंटन से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।
प्राधिकरण ने सभी पात्र 177 आवेदकों से 5 दिसंबर को सुबह 11 बजे एसबीआई पोर्टल पर ई-नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया है।



