भाकियू ने आज रात यमुना एक्सप्रेस‑वे के ज़ीरो पॉइंट के नीचे एक बड़ी महापंचायत की घोषणा की। इस मंच से “जनसंख्या के आधार पर समान मुआवजा” और “ऐतिहासिक भूमि अधिग्रहण‑उपयोग के लिए उचित न्याय” की माँगों को लेकर रणनीति निर्धारित की जाएगी।
महापंचायत में गौतमबुद्धनगर, हाथरस, एटा, आगरा, मथुरा सहित कुल छह जिलों के खेती‑बाड़ी करने वाले किसान शामिल होंगे। यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत तथा कई उच्च पदस्थ अधिकारी भी इस आयोजन में भाग लेंगे।
महापंचायत का एजेंडा
- जनसंख्या‑समान मुआवजा – किसान इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण के बाद मिलने वाला मुआवजा जनसंख्या‑आधारित मानकों के अनुरूप होना चाहिए, जिससे प्रत्येक परिवार को समान आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
- स्थायी पुनर्वास योजना – मौजूदा पुनर्वास योजना को मजबूत करने और पुनर्वास के बाद की आजीविका के लिए कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने की माँग।
- भविष्य की रणनीति – नई कृषि नीति, वैकल्पिक फसल‑विकास, जल‑संसाधन प्रबंधन और सरकारी समर्थन को लेकर एक समेकित योजना तैयार करना।
राकेश टिकैत ने पूर्ववर्ती प्रेस कांफ़्रेंस में कहा, “हमारा उद्देश्य केवल रोटा‑शिक्षा नहीं, बल्कि सच्चा न्याय है। अगर सरकार जनसंख्या के अनुपात में मुआवजा नहीं देती, तो यह असमानता को और गहरा कर देगा। आज की महापंचायत में हम इस बात को स्पष्ट करेंगे और सरकार को ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर करेंगे।”



