मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने की भारतीय जनता पार्टी की राजनीति के परिणाम अब दिखने लगे हैं राजनीतिक विश्लेषकों ने तब मध्य प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर मोहन यादव की ताजपोशी को उत्तर प्रदेश बिहार और हरियाणा के यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने की खास रणनीति के तहत बताया था माना जा रहा था कि बीजेपी की इस नई रणनीति से तीनों राज्यों के यादव वोटो को मोहन यादव के जरिए साधा जाएगा I और अब इसका असर दिखने लगा है। बिहार ओर उत्तर प्रदेश में लगातार ऐसे घटनाक्रम सामने आ रहे हैं जिससे माना जा रहा है कि मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से दोनों प्रदेशों में यादवों में खलबली मची है।
उत्तर प्रदेश में पुराने समाजवादी नेता ज्ञान सिंह यादव ने पार्टी के साथ अपने वर्षों के साथ को छोड़ते हुए भाजपा में प्रतिबद्धता जताते हुए उसको जॉइन कर लिया । ज्ञान सिंह यादव ने पार्टी में यादवों के साथ बदतर होते ट्रीटमेंट का आरोप लगाते हुए लिखा कि वह नेताजी के सम्मान में यहां कुछ लिखना नहीं चाहते हैं किंतु आप सब भी वहां जाइए जहां सम्मान मिले । पूरा जीवन सपा को देने के बाद आज नेताजी की सपा को अलविदा कहने में बहुत भावुक हूं यादवों को जहां सम्मान मिलेगा वहां जाएंगे I ज्ञान सिंह की इन बातों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भाजपा का मोहन राग उत्तर प्रदेश में भी अपना काम करना शुरू कर दिया है
उधर बिहार में 18 जनवरी को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम रखा जा रहा है ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के इस आयोजन को बिहार में यादवों के वोटो को साधने का बड़ा सियासी दावा माना जा रहा है बिहार में कहा जा रहा है कि पटना में मोहन यादव को बुलाकर उनका सम्मान समारोह आयोजित करने के बहाने भाजपा यादव मतदाताओं को संदेश देना चाहती है और बताना चाहती है कि भाजपा ही यादवों के लिए भविष्य की पार्टी है स्मरण रहे की मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद मध्य प्रदेश की विधानसभा में अपने पहले ही संबोधन में मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद का जिक्र करते हुए अपनी रणनीति को स्पष्ट कर दिया था और यह बता दिया था कि उनकी राजनीतिक लड़ाई आने वाले दिनों में श्री कृष्ण के आसपास रहने वाली है और रोचक तथ्य यह है कि अब उनका सम्मान समारोह जिस जगह हो रहा है उसके नाम में भी श्री कृष्ण ही है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश और बिहार में मोहन राग के जरिए भाजपा क्या यादवों में सेंध लगाने में कामयाब हो जाएगी कि अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को इन चुनावो में यादव वोट बैंक से भारी झटका लगने जा रहा है या फिर ये सब एक भ्रम है, यह बहुत जल्दी ही चुनावो के परिणामों से स्पष्ट हो जाएगा।