पीलीभीत संसदीय सीट से भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया है तमाम कयासो और राजनीतिक चर्चाओं के बीच कल अंतिम दिन वरुण गांधी द्वारा पर्चा ना भरे जाने के बाद पीलीभीत से वरुण गांधी के राजनीतिक पारी के अंत का भी आरंभ हो चुका है ।
वरुण गांधी ने स्वयं भाजपा के खिलाफ न जाने की संकेत देते हुए कहा कि वह सुल्तानपुर में अपनी मां मेनका गांधी के चुनाव का प्रचार करेंगे । इससे पहले उन्होंने पीलीभीत के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कार्यों के लिए भी धन्यवाद का एक ट्वीट किया था। इसके बाद माना जा रहा था कि फिलहाल वरुण गांधी बगावत नहीं करेंगे ।
और अब बृहस्पतिवार को वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता को विदाई प्रणाम करते हुए एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पीलीभीत के साथ अपने बचपन से लेकर आज तक के रिश्ते का उल्लेख किया है । और कहा है कि पीलीभीत से उनका रिश्ता आजीवन बना रहेगा एक सांसद के तौर पर भले ही उनका कार्यकाल अब समाप्त होने जा रहा हो किंतु एक बेटे के तौर पर वह पीलीभीत की जनता से हमेशा जुड़े रहेंगे ।
राजनीतिक चर्चाओं में अभी भी माना जा रहा है कि भाजपा ने एक विशेष रणनीति के तहत वरुण गांधी को पीलीभीत से हटाया है भारतीय जनता पार्टी पांचवें फेस में वरुण गांधी को रायबरेली से सीट पर भाजपा प्रत्याशी के तौर पर उतार सकती है । और शायद इसी गणित के बाद मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने को तैयार हुई हैं यदि पर इसकी संभावना कितनी सही है यह आने वाले दिनों में ही पता लगेगा ।