लोकसभा चुनाव के आरंभ के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के दो बार के सांसद और वर्तमान प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं यह चुनौतियां विपक्ष से कम और डॉ महेश शर्मा का कर वोट माने जाने वाले शहरी सोसाइटियों से आ रही है । लगातार कई सोसाइटियों में जो रजिस्ट्री जो वोट कैंपेन के विरोध अब बढ़ते ही जा रहे हैं बल्कि अब सोसाइटी सोसाइटी लोगों ने जो रजिस्ट्री जो वोट की जगह जो रजिस्ट्री वोट नोटा के पोस्ट भी लगाने शुरू कर दिए हैं ।
इसी क्रम में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौड़ सौंदर्यम सोसायटी के निवासियों ने फैसला किया है कि अगर उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हुई तो वे आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे। इस अभियान से ज़्यादा से ज़्यादा लोग जुड़ रहे हैं।
स्मरण रहे कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और गौरसंस बिल्डर के बीच विवाद के कारण इस सोसायटी में 350 से ज्यादा फ़्लैटों की रजिस्ट्रियां लंबित हैं। निवासियों ने सभी बकाया भुगतान चुका दिए हैं और यहां तक की 3 साल पहले ही फ्लैट रजिस्ट्री स्टांप शुल्क का भुगतान भी कर दिया है। जबकि 30 से अधिक सोसायटी और हाईस्ट्रीट दुकानों की रजिस्ट्रियां और कुछ चुनिंदा फ्लैटों की रजिस्ट्रियां हाल ही में की गई थीं, अधिकांश आवासीय फ्लैटों की रजिस्ट्रियां फरवरी 2021 से अभी तक लंबित हैं। अधिकारियों द्वारा अपनाए गए इस दोहरे मापदंड के तहत चुनिंदा रजिस्ट्रियां करने के कारण निवासी असहाय और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
गौर सौंदर्यम् निवासी पुष्कर कौशिक ने बताया कि सोसायटी का रजिस्ट्री का मामला इस साल की शुरुआत में प्राधिकरण द्वारा घोषित रजिस्ट्री संबंधी राहत पैकेज के लिए उपयुक्त मामला है क्योंकि सभी फ्लैट खरीदारों को फ्लैट का कब्जा मिल गया है और वे पहले से ही 3 साल से अधिक समय से यहाँ रह रहे हैं। अथॉरिटी ने राहत पैकेज में ऐसे फ्लैट्स की रजिस्ट्रियां 3 महीने के अंदर पूरी करने की बात कही है। लेकिन बिल्डर के साथ चल रहे विवाद के कारण वे गौर सौंदर्यम में राहत पैकेज लागू करने को तैयार नहीं हैं।