उत्तर प्रदेश में उद्योगो को लेकर शान कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दिन बहुरने के नाम नहीं ले रहे हैं कभी किसानो तो कभी बिल्डरों से परेशान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तमाम कोशिशें के बावजूद पटरी पर आता नहीं दिख रहा है ।
गौतम बुध नगर में तीन प्राधिकरण में सबसे खराब स्थिति ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की है I इन प्राधिकरण के हालात कर्मचारियों के कम होने के चलते ज्यादा खराब बताए जाते हैं किंतु अब तकनीकी स्तर पर भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण असफल होता दिख रहा है I बताया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का वेबसाइट ही बीते 5 दिनों से बंद पड़ा हुआ है जिसके कारण प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर जानकारी लेने वालों को परेशानियों होनी शुरू हो गई है । प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार सपोर्ट दे रही कंपनी ने प्राधिकरण के रवैये के कारण सब कुछ बंद कर दिया है और हाथ खड़े कर दिए हैं यधपि इसमें कितना सच है इसकी जानकारी के लिए हमने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सतीश कुशवाहा से बात करने की कोशिश की किंतु वह उपलब्ध नहीं हुए।
स्मरण रहे कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ही बीते दिनों इआरपी सॉफ्टवेयर को लेकर पूर्व सीईओ नरेंद्र भूषण के ऊपर तमाम आरोप लगे थे जिसकी जांच के इंटरनल आदेश भी दिए गए थे किंतु उसके बाद क्या हुआ किसी को नहीं पता चला।
सूत्रों का दावा है कि अब सीईओ के ट्रांसफर के बाद कंपनी सिस्टम को जल्दी से जल्दी डेप्लॉय करने पर जोर दे रही थी। वही प्राधिकरण के अधिकारी इस बात के लिए तैयार नहीं थे उन्होंने आईआईटी दिल्ली को सॉफ्टवेयर के जांच के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया था । ऐसे में कंपनी बार-बार सारे सिस्टम को बंद करने की धमकी देती रही और अब शायद ऐसा हो गया है जिसके कारण प्राधिकरण का कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।