आशु भटनागर । नोएडा प्राधिकरण में स्थानीय संगठन फोनरवा और नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन (NEA) द्वारा तबादला नीति के विरोध करवाने के बावजूद कोई असर ना होता देख कर दशकों से यहां जाने बैठे नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष समय दो दर्जन कर्मचारियों की सांस अटक गई है ।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्थानांतरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया था । कहा जा रहा है कि 3 साल से अधिक जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को इधर से उधर किया जा रहा है किंतु यहां कई अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो ट्रांसफर स्थानांतरण के बावजूद मलाईदार पदों को छोड़ने को तैयार नहीं है और दशकों से प्राधिकरण में जमे रहने के बावजूद एक बार फिर से लखनऊ स्थित अपने-अपने पैरों कारों से यहीं जमे रहने की गुहार लगा रहे हैं ।
प्राधिकरण सूत्रों की माने तो कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राजकुमार चौधरी चौधरी बीते 30 साल से यहां जमे हुए हैं आज तक उनका स्थानांतरण नहीं हो सका है । जबकि प्राधिकरण में ही आरपी सिंह 25 सालों से अपनी सीट से हटाने का नाम नहीं ले रहे हैं एक अन्य अधिकारी आरके शर्मा भी 35 वर्षों से प्राधिकरण में ही अपनी सेवाएं देने में लगे हैं वहीं 15 सालों से मौजूद सत्येंद्र गिरी और विजय रावल भी अपने स्थानांतरण को लेकर बेहद चिंतित हैं।
इनके अलावा एकाउंट डिपार्टमेंट में तैनात प्रमोद कुमार 20 वर्षों से नोएडा प्राधिकरण में ही जमे हुए हैं जबकि रूप वशिष्ठ, रोहित सिंह, अरविंद कुमार, रोहित बंसल, गौरव गुप्ता, पवन कसाना और शोभा लगभग 10 वर्षों से यहां का मोह छोड़ने को तैयार नहीं है इन कर्मचारियों का स्थानांतरण कई बार हो चुका है किंतु हर बार अपने-अपने नेताओं के साथ जुगाड़ लगाकर यह यहीं रह जाते हैं ।
एनसीआर खबर ने स्थानांतरण नीति पर स्थानीय संगठनों के साथ कर्मचारियों की सांठ गांठ और उनके उद्देश्य पर एक पूरी परिचर्चा भी की जिसके बाद यह बातें भी निकाल कर आई कि दरअसल यहां के संगठनों के नेताओं के संबंध इन कर्मचारियों के साथ मधुर हो चुके हैं। ऐसे में वह संगठनों की लोकतांत्रिक अधिकार का दुरुपयोग करते हुए उनके लिए लॉबिंग करते हुए पाए जा रहे हैं आप इस परिचर्चा को हमारे यूट्यूब चैनल पर नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके सुन भी सकते हैं।
नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बावजूद यहां काम पहुंच वाले कर्मचारियों का ही स्थानांतरण हो पता है प्राधिकरण में कई सांसद विधायकों बड़े अफसर और आईएएस आईपीएस अफसर के रिश्तेदार भी नौकरी कर रहे हैं किंतु उन पर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी की हनक भी चल नहीं पाती है । नोएडा के समाजसेवियों का कारण है कि जब तक प्रदेश में कोई अन्य औद्योगिक विकास मंत्री नहीं आता है तब तक इन कर्मचारियों की खनक ऐसे ही बनी रहेगी
ऐसे में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या लोकसभा चुनाव के बाद बदले हालात के बाद वर्षों से जमीन कर्मचारियों को यहां से हटाने की सख्त कार्यवाही करेंगे या फिर एक बार फिर से यह कर्मचारी अपना स्थानांतरण बचाने में कामयाब हो जाएंगे यह 30 जून तक पता चल जाएगा।