गौतम बुध नगर में निर्माणाधीन दीवार के गिरने से तीन बच्चों की मृत्यु हो गई जबकि तीन बच्चे अभी शारदा अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं । शनिवार को गौतम बुद्ध नगर के डीएम मनीश कुमार वर्मा, एडीएम अतुल कुमार इन बच्चों को देखने पहुंचे । इससे पहले डीसीपी सुनीति ने घटनास्थल पर पहुंचकर बच्चों को अस्पताल पहुंचने में मदद की। प्रशासन की ओर से देखी जा रही है तेजी के बाद पीड़ित परिवारों ओर मुस्लिम समाज ने प्रशासन के प्रति कृतज्ञता भी जताई।
जिलाधिकारी ने घायल बच्चों के परिजन से पूछा कि इलाज से संबंधित कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। पहले से आराम तो है। इस पर घायल बच्चों के परिजन ने बताया कि डॉक्टर द्वारा समुचित इलाज करने के साथ लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही हैं। बच्चे पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने तीमारदारों से कहा कि अगर उन्हें कोई समस्या होती है तो वह अस्पताल प्रशासन को तुरंत बताएं। उनकी हर समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा डॉक्टरों को निर्देशित किया कि मरीजों के इलाज में कोई कमी न हो, बच्चों के इलाज और सेहत का विशेष ध्यान रखा जाए।
किंतु जिले में इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद मुसलमानो के हमदर्द होने और उनके वोटो के बल पर राजनीति करने वाले कांग्रेस, सपा और आप जैसे राजनीतिक दलों और संगठनों के नेताओं के वहां न पहुंचने पर पीड़ित परिवार और मुस्लिम समाज दोनों में बहुत रोष दिखाई दिया ।
शहर के एक वरिष्ठ मुस्लिम पत्रकार ने एनसीआर खबर से बात करते हुए कहा की यूं तो मुस्लिम वोटो की फसल काटने के लिए हर गली मोहल्ले में इन राजनीतिक दलों के नेता घूमते मिल जाते हैं। किंतु 28 जून को हुई इस दुर्घटना के बावजूद यहां के मुसलमान के वोट से के बलबूते ही अपनी इज्जत बचा पाई समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और उनके नेता पीड़ित परिवार और बच्चों को देखने तक नहीं पहुंचे । बताया जा रहा है कि अब तक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के एक नेता शौकत अली चेची ही मृतक बच्चों के परिवार से मिलेहैं।

लोगों में गुस्सा तब और बढ़ गया जब दुर्घटना के वक्त के बाद समाजवादी पार्टी की जिला इकाई ओर पार्टी के शीर्ष नेता रामगोपाल यादव का जन्मदिन पर केक काटकर हंसते हुए नजर आए किंतु किसी ने भी पीड़ित बच्चों और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करना आवश्यक नहीं समझा। लोगों का कहना है कि यहां के नेताओं और समाजवादी पार्टी का PDA का नारा असल में पिछड़ा दलित और अगड़ा है इसमें अकलियत यानी मुसलमान का कोई स्थान नहीं है
लोकसभा 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ओर आप के संयुक्त प्रत्याशी को यहां 2698000 वोट मिले जिसमें बताया जाता है कि 170000 वोट मुस्लिम समाज से विपक्ष के प्रत्याशी को मिले थे ।
वही समाचार लिखे जाने तक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा भी मृतक बच्चों के परिवार से मिलने का कोई समाचार नहीं प्राप्त हुआ है ।
इसके बाद शहर जिले भर के मुसलमान में इन पार्टियों के प्रति आक्रोश पैदा हो रहा है लोगों ने एनसीआर खबर को बताया कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और दादरी विधायक से तो मुसलमानो को कभी कोई उम्मीद रहती ही नहीं है, लेकिन भाजपा को हराने के लिए मुसलमान के वोट से अपनी इज्जत बचा पाए नेताओं के ना आने पर अब मुस्लिम समाज को सोचना पड़ेगा कि क्या इन नेताओं को वोट देकर उन्होंने कोई गलती कर दी है ।