हर बात में राजनीति अच्छी नहीं होती किंतु अगर कभी राजनीति से किसी का भला होता है तो इसमें बुराई नहीं भी है । शनिवार को समाजवादी पार्टी गौतम बुद्ध नगर का प्रतिनिधिमंडल अतुल यादव के नेतृत्व में इको विलेज 2 के पीड़ितों से मिलने पहुंचा और और पीड़ितों से उनका दर्द समझने की कोशिश की । उनके साथ जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी, जिला उपाध्यक्ष रविन्द्र यादव, अकबर खां, दीपक नागर, मोहित यादव, अमन नागर, गजेंद्र यादव आदि मौजूद रहे
समाजवादी नेता अतुल यादव ने इको विलेज 2 में पानी के कारण हुई 500 से ज्यादा बच्चों के बीमार होने को बड़ी घटना बताते हुए कहा कि कोई व्यक्ति अपने बच्चों का दुख बर्दाश्त नहीं कर सकता है ऐसे में सरकार की अनदेखी इस सरकार को बहुत भारी पड़ सकती है । वही सत्ता पक्ष के कुछ नेता सोसाइटीवासियों के लिए इलाज और व्यवस्था करने के बजाय इस मामले पर लीपापोती करने में लगे हुए हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इको विलेज सोसायटी में लगभग 2500 परिवार तथा 7500 लोग रहते हैं, सोसाइटी के अंदर दूषित पानी की सप्लाई से लगभग 1500 बच्चे और लोग डायरिया की चपेट में आ गये है, शासन प्रशासन की तरफ से सोसाइटी के लोगों के ईलाज तथा शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण स्थानीय लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने तथा बाहर से पानी मांगने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
सुधीर भाटी, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी गौतम बुद्ध नगर

वही सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के पहुंचने की सूचना के साथ ही इको विलेज 2 के पीड़ितों का गुस्सा अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि विधायक और सांसद पर भड़क उठा । लोगों का दावा है कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद अभी तक विधायक तेजपाल नागर सांसद डॉ महेश शर्मा तो छोड़िए उनके सांसद और विधायक प्रतिनिधि तक सोसाइटी में नहीं आए। आपको बता दे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए सांसद प्रतिनिधि संदीप शर्मा और विधायक प्रतिनिधि दीपक यादव हैं ।
वही सांसद प्रतिनिधि संदीप शर्मा को लेकर कुछ लोगों का आरोप है वो इको विलेज 2 में ही रहते हैं और चुनाव के दौरान डॉक्टर महेश शर्मा के चुनाव प्रचार के लिए बनाया गया चुनावी कार्यालय भी इसी सोसाइटी में ही मौजूद है। इस सबके बावजूद भी अगर सांसद और विधायक नहीं आए हैं तो यह सत्ता पक्ष के नेताओं की असंवेदनशीलता है
लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा की कम से कम किसी राजनीतिक दल का कोई नेता तो पीड़ितों से मिलने पहुंचा हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दादरी विधानसभा प्रत्याशी राजकुमार भाटी और सांसद प्रत्याशी का चुनाव लड़े डॉ महेंद्र नगर भी अभी तक पीड़ितों से मिलने नहीं पहुंचे हैं जो यह बताता है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से पहल तो शुरू हुई है किंतु बड़े नेताओं, खास तौर पर विधान सभा, लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने जनता की सुध लेना आवश्यक नहीं समझा है ।
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या कई दिनों से खराब पानी के कारण बीमार हुए 1500 से ज्यादा पीड़ित परिवारों से मिलने सत्ता पक्ष के विधायक तेजपाल नागर और सांसद डॉक्टर महेश शर्मा स्वयं या अपने प्रतिनिधियों को भेज कर पीड़ितों का दर्द कम करने की कोशिश करेंगे या यह पूरा प्रकरण महज आम घटना बनकर रह जाएगा।
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इको विलेज 2 (Eco Village 2) सोसाइटी में 6 दिन बाद भी दर्जनों बच्चे अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं और कई नए मरीज भी सामने आ रहे हैं। प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाहाई के बाबजूद सोसाइटी के ज्यादातर लोग बाहर से बोतलबंद पानी मंगवाकर पी रहे हैं। हालत बेकाबू होने पर बिसरख स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार और बुधवार दो दिन सोसाइटी में कैंप लगाकर मरीजों को दवा दी थी। इसके बावजूद ज्यादातर बच्चों पर दवा ने असर नहीं किया। आरोप है कि सरकारी दवा भी इस समस्या में फेल होती दिख रही है। पीड़ित लोगो का कहना है समझ नही आ रहा है कि दवा की क्षमता कम है या जो भी संक्रमण यहां सोसाइटी में फैला है, वह इतना खतरनाक है कि उस पर दवा का भी असर नहीं हो रहा।
क्या है घटना ?
सोसाइटी के लोगों का कहना है कि एक हफ्ते पहले अचानक इको विलेज 2 के 200 से ज्यादा लोग जिनमें अधिकतर बच्चे थे डायरिया के संभावित बीमारी से बीमार होने लगे । एकदम से हुए इस घटनाक्रम के कारण लोग अपने बच्चों को लेकर पास के अस्पतालों में पहुंचे किंतु अगले दिन तक यह आंकड़ा 400 और फिर 1500 परिवार तक इससे प्रभावित होने का दावा किया गया । मामला बड़ा तो अगले ही दिन प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग की टीम इको विलेज टू पहुंची और अंडरग्राउंड वाटर में कमी पाए जाने पर बिल्डर और मेंटेनेंस कंपनी पर जुर्माना भी लगाया वही बिसरख स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर लोगों की जांच भी की ।
लोगो ने आरोप लगाया कि सोसाइटी के बेसमेंट में कई जगह गंदा पानी जमा है, जिसके अंडरग्राउंड वाटर रिजरवेयर (UGR) में मिलने की आशंका है। कुछ डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में E-Coli का संक्रमण है। ऐसे में सोसाइटी के लोगों की आशंका को बल मिल रहा है कि कहीं न कहीं, पीने के पानी में एसटीपी का पानी मिला है।